ब्राज़ील दौरा: BRICS सम्मेलन में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार, 8 जुलाई को ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया पहुँचे. वहाँ उनका स्वागत शिव तांडव स्तोत्र और भारतीय शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुतियों के साथ किया गया. स्थानीय कलाकारों ने पारंपरिक ब्राजीलियाई सांबा रेगे नृत्य से माहौल को जीवंत बना दिया.
द्विपक्षीय वार्ता की संभावनाएँ
ब्रासीलिया में पीएम मोदी की मुलाकात ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डि सिल्वा से होनी तय है. इस दौरान ऊर्जा, व्यापार, रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और तकनीकी सहयोग जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
पाँच देशों की यात्रा का चौथा पड़ाव
प्रधानमंत्री मोदी 2 से 10 जुलाई तक की विदेश यात्रा पर हैं. इससे पहले वे घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, और अर्जेंटीना का दौरा कर चुके हैं. ब्राजील के बाद वे नामीबिया की ओर रवाना होंगे, जहाँ वे नामीबिया की संसद को भी संबोधित करेंगे.
BRICS सम्मेलन में भारत की वैश्विक सोच
7 जुलाई को हुए BRICS सम्मेलन में पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण और वैश्विक स्वास्थ्य जैसे विषयों पर भारत का दृष्टिकोण साझा किया. उन्होंने कहा कि महामारी से यह स्पष्ट हो गया है कि बीमारियाँ सीमाओं की मोहताज नहीं होतीं — इसलिए पृथ्वी को स्वस्थ रखने के लिए वैश्विक सहयोग आवश्यक है.
व्यापार और टैरिफ पर वैश्विक तनाव
सम्मेलन में विश्व व्यापार संगठन (WTO) द्वारा बढ़ते टैरिफ और नियमों के उल्लंघन पर चिंता जताई गई. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS से जुड़ने की इच्छा रखने वाले देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी, और डॉलर को कमजोर करने की कोशिशों पर 100% टैरिफ की धमकी भी दी.
विज्ञान, तकनीक और डिजिटल सुरक्षा पर भारत का प्रस्ताव
पीएम मोदी ने BRICS रिसर्च सेंटर की स्थापना का सुझाव दिया ताकि सदस्य देश विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में मिलकर काम कर सकें. उन्होंने डिजिटल जानकारी की पुष्टि और सुरक्षा के लिए एक वैश्विक प्रणाली की आवश्यकता बताई. इसके तहत भारत में एक अंतरराष्ट्रीय AI सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा भी की.
आतंकवाद पर सख्त रुख
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के समर्थकों और पीड़ितों को एक समान नहीं देखा जाना चाहिए, और राजनीतिक लाभ के लिए आतंकवाद को मौन समर्थन देना अस्वीकार्य है.












