रांची: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 10 जुलाई को राजधानी रांची पहुंचेंगे, जहां वे होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित 27वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (Eastern Zonal Council) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे. इस अहम बैठक में बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुल 68 प्रतिनिधि भाग लेंगे.
बैठक में विभिन्न राज्यों के बीच आपसी समन्वय और विकास से जुड़ी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. इस बीच, झारखंड सरकार ने केंद्र से लंबित भुगतान की मांग को लेकर गंभीर रुख अपनाने का संकेत दिया है.
झारखंड को मिलना चाहिए उसका हक : झामुमो
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा है कि राज्य सरकार इस बैठक में केंद्र से लंबित राशि को प्रमुखता से उठाएगी. उन्होंने बताया कि कोयला कंपनियों पर झारखंड सरकार का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है. इसके अलावा जल जीवन मिशन, विधवा और वृद्धा पेंशन जैसे योजनाओं की राशि की मांग भी की जाएगी.पांडेय ने यह भी कहा कि देश को सबसे ज्यादा रॉयल्टी झारखंड देता है, इसलिए राज्य को उसका उचित अधिकार मिलना चाहिए.
बैठक तभी सफल जब झारखंड की समस्याओं पर हो चर्चा : कांग्रेस
झारखंड कांग्रेस के मीडिया प्रभारी एवं प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने भी इस बैठक पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यह बैठक तभी सार्थक मानी जाएगी जब झारखंड की मूलभूत समस्याओं और लंबित भुगतान जैसे मुद्दों पर गंभीर चर्चा हो और केंद्र सरकार सकारात्मक रुख अपनाए.
गौरतलब है कि पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की यह बैठक केंद्र और राज्यों के बीच संवाद और सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मंच मानी जाती है. अब देखना यह है कि झारखंड की मांगों को लेकर केंद्र क्या रुख अपनाता है.







