श्रावणी मेला : 11 जुलाई को देवघर में श्रावणी मेला का हुआ शुभारंभ. सावन के पहले ही दिन पर भारी मात्रा में लोगों की उमड़ी भीड़, लगभग 1.27 लाख भक्तों ने शिव जी पर जल चढ़ाया. देवघर में इस अवसर पर भोलेबाबा का जयकारा चारों ओर हो रहा था. इस दौरान श्रावणी मेला में श्रधालुओं की सुरक्षा का और अन्य सब चीजों का ध्यान रखते हुए व्यवस्था का ख़ास इंतज़ाम किया गया है.
देश भर में शिव नाम गूंज रहा है
सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई 2025 से हुई है और पूरे देशभर में शिवभक्ति का विशेष उत्साह देखा जा रहा है. यह महीना भगवान शिव का अत्यंत प्रिय माना जाता है, जिसमें भक्त जलाभिषेक, व्रत और मंत्र जाप के माध्यम से महादेव की आराधना करते हैं.
इस बार सावन में कुल चार सोमवार पड़ रहे हैं, जिनमें पहला सोमवार 14 जुलाई को होगा और अंतिम सोमवार 4 अगस्त को. सोमवार के दिन शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, खासकर बाबा बैद्यनाथ धाम, काशी विश्वनाथ और अन्य प्रमुख तीर्थों पर विशेष पूजन-अर्चन होता है. श्रद्धालु गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा और भस्म से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं और “ॐ नमः शिवाय” तथा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं. सावन के इन पवित्र दिनों में भक्त जन सुख-समृद्धि, मानसिक शांति और जीवन में इच्छित फल प्राप्ति की कामना से व्रत रखते हैं.
श्रावणी मेला केसरिया रंग सक्से सज़ा
श्रावणी मेला में बाजार कांवड़ और केसरिया यूनिफॉर्म से सज चुके हैं तो हर कोने से हर हर महादेव और बोल बम के नारे गूंज रहे हैं. बाबा नगरी पहली सोमवारी के इंतजार में है. साथ ही कांवड़ यात्रा के माध्यम से लाखों श्रद्धालु सुल्तानगंज से जल लेकर बाबा धाम तक की पदयात्रा करते हैं, जो भक्तिभाव और सामूहिक ऊर्जा का भव्य उदाहरण है. सांस्कृतिक आयोजनों, शिव कथाओं और भजन संध्याओं के बीच यह माह सम्पूर्ण रूप से धार्मिक, सामाजिक और भावनात्मक उन्नयन का प्रतीक बन जाता है.







