Ranchi : झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के केंद्रीय अध्यक्ष अजय राय ने झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड एवं इसकी अनुषंगी कंपनियों-JBVNL, JUSNL, JUUNL- के अंतर्गत आंतरिक नियुक्ति विज्ञापन संख्या 01/2024, 03/2024, 04/2024, 05/2024 में भारी पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा कि दिनांक 9 अक्टूबर 2025 को आयोजित परीक्षा पूरी तरह से अपारदर्शी, संदिग्ध और पक्षपातपूर्ण रही।
अजय राय ने कहा कि निगम की इस आंतरिक परीक्षा में ऐसे कई अभ्यर्थियों को पात्र घोषित कर दिया गया जो विज्ञापन में दी गई अर्हता के मापदंडों पर कदापि खरे नहीं उतरते।
विशेष रूप से MANAGER (F&A) पद पर 11 अभ्यर्थियों ने नौकरी करते हुए ही रेगुलर मोड से MBA की डिग्री प्राप्त की है, जो नियमों का खुला उल्लंघन है। नौकरी के दौरान शिक्षा प्राप्त करने के लिए शैक्षणिक अवकाश प्रमाणपत्र आवश्यक है, जो इनमें से किसी ने प्रस्तुत नहीं किया।
इसी प्रकार जूनियर मैनेजर (टेक्निकल) पद पर कई योग्य अभ्यर्थियों को केवल प्रतिशत के आधार पर वंचित कर दिया गया, जबकि राज्य सरकार और JPSC की वैकेंसीयों में केवल डिप्लोमा या डिग्री ही पात्रता का मानक होती है-प्रतिशत नहीं।
संघ ने यह भी उजागर किया कि दूरस्थ शिक्षा (IGNOU और अन्य विश्वविद्यालयों) से डिग्री प्राप्त अभ्यर्थियों के साथ दोहरी नीति अपनाई गई-कुछ को वैध मानकर परीक्षा में बैठाया गया, जबकि कई अन्य को मनमाने ढंग से अयोग्य ठहरा दिया गया। यह विभागीय भेदभाव और पारदर्शिता की विफलता का स्पष्ट उदाहरण है।
अजय राय ने बताया कि संघ ने इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी थी, परंतु 6 माह बीत जाने के बावजूद विभाग ने कोई जवाब नहीं दिया। इससे यह स्पष्ट होता है कि विभाग जानबूझकर अनियमितताओं को छिपाने की कोशिश कर रहा है।
संघ ने कहा कि वह नियुक्तियों का विरोध नहीं करता, परंतु यह मांग करता है कि 9 अक्टूबर की परीक्षा की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
केंद्रीय अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि यह मामला सिर्फ भर्ती परीक्षा का नहीं, बल्कि पूरे निगम की विश्वसनीयता का है। अगर पारदर्शिता और न्याय कायम नहीं रहा, तो कर्मचारी और जनता दोनों का भरोसा व्यवस्था से उठ जाएगा।
संघ ने चेतावनी दी है कि यदि निगम प्रबंधन ने इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत संज्ञान नहीं लिया, तो झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होगा।










