इंडियन प्रीमियर लीग 2025 में पंजाब किंग्स ने धमाकेदार अंदाज़ में जीत की राह पकड़ ली है। चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ हुए मुकाबले में शुरुआती झटकों के बावजूद टीम ने दमदार वापसी की और 18 रन से मैच जीत लिया। पावरप्ले में ही पंजाब ने अपने 3 विकेट गंवा दिए थे और टॉप-6 में से 5 बल्लेबाज़ दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके। मगर युवा बल्लेबाज़ प्रियांश आर्या ने अपने शतक से मुकाबले का रुख पलट दिया। उनकी विस्फोटक पारी की बदौलत पंजाब ने 6 विकेट पर 219 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। जवाब में चेन्नई सुपर किंग्स 201 रन ही बना सकी। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अंत में 12 गेंदों पर 27 रनों की तेज़ पारी खेली, लेकिन टीम को जीत दिलाने में नाकाम रहे।
अच्छी शुरुआत के बाद लड़खड़ाई चेन्नई
220 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए चेन्नई सुपर किंग्स ने अच्छी शुरुआत की। रचिन रवींद्र और डेवोन कॉनवे की जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 61 रन जोड़े। हालांकि, कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ सिर्फ 1 रन बनाकर आउट हो गए, जिससे चेन्नई की रन गति पर असर पड़ा। इसके बाद कॉनवे और शिवम दुबे ने पारी को संभालते हुए 89 रनों की अहम साझेदारी की। लेकिन जैसे ही पारी को गति देने की जरूरत थी, 16वें ओवर में शिवम दुबे 42 रन बनाकर आउट हो गए। कॉनवे 69 के स्कोर पर रिटायर्ड आउट हो गए और उनकी जगह रवींद्र जडेजा क्रीज पर आए। यह रणनीतिक बदलाव उल्टा पड़ गया क्योंकि अंतिम ओवरों में चेन्नई पर दबाव बढ़ गया। टीम को आखिरी तीन ओवरों में 59 रन चाहिए थे, जो आखिरकार बहुत ज्यादा साबित हुए। रन रेट की कमी ने आखिरकार सीएसके की हार की पटकथा लिखी।
धोनी की धीमी शुरुआत पड़ी महंगी
चेन्नई सुपर किंग्स के फैंस को एक बार फिर एमएस धोनी से फिनिशिंग की उम्मीद थी, लेकिन ‘थाला’ इस बार भी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। 220 रनों के लक्ष्य के सामने धोनी पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे और शुरुआती कुछ गेंदों पर काफी धीमी बल्लेबाजी की। उन्होंने 12 गेंदों पर 27 रन जरूर बनाए, लेकिन उनकी धीमी शुरुआत उस वक्त टीम के लिए भारी साबित हुई, जब रनों की सख्त जरूरत थी। धोनी का ये अंदाज उन्हें एक बार फिर आलोचनाओं के घेरे में ला सकता है, खासतौर पर तब जब टीम लगातार चौथी हार का सामना कर चुकी है। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या अब एमएस धोनी फिनिशर की जगह टीम पर दबाव बनने लगे हैं?











