Ranchi: झारखंड की मैट्रिक परीक्षा 2024 के नतीजों ने शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) की ओर से आयोजित इस परीक्षा में 61 सरकारी स्कूलों का परिणाम बेहद खराब रहा है। इनमें से 7 स्कूलों में सभी छात्र फेल हो गए, जबकि 54 स्कूलों में पास प्रतिशत 50% से कम रहा।
इस शर्मनाक प्रदर्शन के बाद शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए इन स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को हटाने और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। साथ ही, सभी 61 स्कूलों में स्थलीय जांच कर 19 जून तक रिपोर्ट ई-विद्यावाहिनी पोर्टल पर अपलोड करने का आदेश जारी किया गया है।
जिन स्कूलों में सभी छात्र फेल हुए
इन सात स्कूलों में परिणाम शून्य रहा, यानी कोई भी छात्र पास नहीं हुआ:
- मॉडल स्कूल, पालकोट, गुमला
- उत्क्रमित हाई स्कूल काजलदाहा शिकारीपाड़ा, दुमका
- आर मित्रा हाई स्कूल, देवघर
- मिथिला हाई स्कूल, सोनारी, पूर्वी सिंहभूम
- गवर्नमेंट हाई स्कूल, बिरसानगर, पूर्वी सिंहभूम
- माइकल जॉन गर्ल्स हाई स्कूल, गोलमुरी, पूर्वी सिंहभूम
- उत्क्रमित हाई स्कूल, सोनगड़ा, पश्चिमी सिंहभूम
50% से कम रिजल्ट वाले जिलों की सूची
जिन जिलों में 50% से कम छात्र पास हुए हैं, उनमें शामिल हैं:
- रांची – 6 स्कूल
- गुमला – 6 स्कूल
- पश्चिमी सिंहभूम – 15 स्कूल (सबसे अधिक)
- सिमडेगा, खूंटी, लोहरदगा, हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद, कोडरमा, रामगढ़, गढ़वा, लातेहार, दुमका, देवघर, सरायकेला, गोड्डा
शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह के सख्त निर्देश
- खराब प्रदर्शन वाले प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगने,
- तत्काल स्थानांतरण,
- और अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश।
“जहां शिक्षक पर्याप्त हैं, वहां छात्रों का फेल या थर्ड डिविजन में पास होना शिक्षकों की कार्यशैली और गुणवत्ता पर सवाल खड़े करता है” — उमाशंकर सिंह, शिक्षा सचिव
जहां सफलता मिली – 51 स्कूलों में सभी छात्र प्रथम श्रेणी से पास
दूसरी ओर, राज्य में 51 ऐसे स्कूल हैं जहां सभी छात्र प्रथम श्रेणी से पास हुए हैं। इनमें 24 स्कूलों का पिछले साल भी 100% रिजल्ट रहा था। इस साल कुल 777 स्कूलों का परिणाम 100% रहा है। ऐसे उत्कृष्ट स्कूलों के शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा।
स्थलीय जांच और सुधार की प्रक्रिया
शिक्षा विभाग ने संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO), शिक्षा अधीक्षकों और एडीपीओ को इन 61 स्कूलों में जांच कर 19 जून तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। साथ ही खराब रिजल्ट वाले शिक्षकों को अंतिम चेतावनी देने को भी कहा गया है।
जिले जहां परिणाम में सबसे ज्यादा गिरावट
इस बार राज्य का औसत रिजल्ट भले ही 1.3% बढ़ा हो, लेकिन 10 जिले ऐसे हैं जहां औसत से भी कम परिणाम आया। इनमें शामिल हैं:
- रांची, खूंटी, गुमला, गढ़वा, रामगढ़, लोहरदगा,
- पूर्वी सिंहभूम, सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां
राज्य के सरकारी स्कूलों में यह नतीजे कहीं न कहीं शिक्षा व्यवस्था की गहराई से समीक्षा की मांग कर रहे हैं। जहां शिक्षक मौजूद हों, संसाधन हों, फिर भी बच्चे नाकाम हों — यह सिर्फ आंकड़ों की कहानी नहीं, बल्कि व्यवस्था पर लगते गहरे सवाल हैं। शिक्षा विभाग ने अब उन स्कूलों और शिक्षकों पर कार्रवाई की शुरुआत कर दी है, जो छात्रों को सफलता की राह दिखाने में विफल रहे हैं।







