National News: अमन साहु गैंग से जुड़े सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह ने ATS रिमांड के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सूत्रों के मुताबिक, मयंक ने बताया कि गैंग ने रंगदारी के पैसे का इस्तेमाल हथियार खरीदने के लिए किया, और ये सौदे पाकिस्तान के एजेंटों के माध्यम से किए जाते थे।
मयंक सिंह ने दावा किया कि अमन साहु गैंग का नेटवर्क न केवल लॉरेंस विश्नोई गैंग से जुड़ा है, बल्कि इसके संबंध कई उग्रवादी संगठनों और अन्य आपराधिक गिरोहों से भी हैं।
कोर्ट में पेशी के बाद रामगढ़ जेल भेजा गया मयंक
6 दिनों की ATS रिमांड खत्म होने के बाद सोमवार को मयंक सिंह को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में रामगढ़ जेल भेज दिया गया। रिमांड के दौरान उसने बताया कि गैंग कोयला व्यापारी, ठेकेदार, ट्रांसपोर्टर और जमीन कारोबारियों से रंगदारी वसूलता है। हालांकि वसूली की सटीक रकम उसे नहीं बताई जाती थी — उसका काम सिर्फ हथियार खरीदने की डीलिंग करना था।
झारखंड से यूरोप, फिर पाकिस्तान: हथियार सप्लाई का हवाला रूट
एटीएस सूत्रों की मानें तो अमन साहु गैंग झारखंड से वसूले गए पैसे को हवाला के जरिये यूरोप भेजता था, जहां से वह फंड मलेशिया और थाईलैंड में घूमते रहने वाले मयंक सिंह तक पहुंचता था। मयंक फिर पैसा मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर के “पाक-पंजाब” रेस्टोरेंट में काम करने वाले एक व्यक्ति को देता था।
इसके बाद वह रेस्टोरेंट कर्मी रकम को पाकिस्तान में मौजूद हथियार डीलर एजेंट को ट्रांसफर करता था। पैसा मिलने पर एजेंट अपने नेटवर्क के माध्यम से भारत में अमन साहु गैंग तक हथियार पहुंचाता था।







