Jharkhand: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला करते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता और गोड्डा के पूर्व विधायक अमित मंडल ने प्रेस वार्ता में कहा कि यह सरकार राज्य की जनता को भाषा के नाम पर आपस में लड़ाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार की मंशा बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने की नहीं, बल्कि उनके भविष्य से खिलवाड़ करने की है।
मंडल ने कहा कि सरकार ने झारखंड की मूल भाषाओं और जनजातीय पहचान को कमजोर करने का प्रयास किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जनगणना के फॉर्म से मुंडारी, भोजपुरी, अंगिका, कुड़ुख जैसी भाषाओं को बिना किसी जनसंख्या आंकड़े के हटाया गया। उन्होंने पूछा कि खूंटी, गोड्डा, पलामू और गढ़वा जैसे जिलों की भाषाओं को क्यों दरकिनार किया गया, जबकि ये जिले झारखंड का हिस्सा हैं।
J-TET 2025 में भी भाषा के आधार पर अन्याय
अमित मंडल ने कहा कि J-TET 2025 में भी भाषाओं के नाम पर भेदभाव किया जा रहा है। पूर्व में भाजपा सरकार के दौरान भोजपुरी को क्षेत्रीय भाषा के रूप में जोड़ा गया था, लेकिन अब उसे हटा दिया गया है, जो साफ तौर पर युवाओं के साथ अन्याय है। उन्होंने यह भी कहा कि जब कुरमाली भाषा को हटाया गया था, तब JLKM जैसी संस्थाएं चुप थीं, जिससे साफ है कि उनका आंदोलन केवल चुनावी लाभ और महागठबंधन को फायदा पहुंचाने के लिए था।
कैबिनेट ने अनसुनी की जनप्रतिनिधियों की बात
मंडल ने बताया कि मंत्री राधा कृष्णन और विधायक दीपिका पांडे सिंह ने अंगिका को क्षेत्रीय भाषा में शामिल करने की लिखित सिफारिश की थी, लेकिन राज्य कैबिनेट ने इसे नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर विधायक और मंत्री अंगिका में शपथ ले सकते हैं, तो फिर परीक्षा में इसे शामिल क्यों नहीं किया जा रहा?
अंगिका को हटाना गोड्डा की जनता का अपमान
मंडल ने स्पष्ट कहा कि 2016 के J-TET में अंगिका को शामिल किया गया था, फिर अब क्यों नहीं? उन्होंने आरोप लगाया कि अंगिका को हटाना गोड्डा की जनता का अपमान है। हेमंत सरकार जानबूझकर J-TET प्रक्रिया को उलझा रही है ताकि युवाओं को नौकरी से वंचित किया जा सके।
सरकार बताए, क्या गोड्डा, पलामू, गढ़वा झारखंड का हिस्सा नहीं?
उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या गोड्डा, पलामू और गढ़वा झारखंड में नहीं आते? अगर आते हैं, तो वहां की भाषाओं को क्यों हटाया गया? उन्होंने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि झारखंड की स्थानीय भाषाओं के साथ यह सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है।
भाजपा का आंदोलन का ऐलान
मंडल ने चेतावनी दी कि यदि सरकार भाषाओं के साथ अन्याय बंद नहीं करती है, तो भाजपा जनजातीय समाज के साथ मिलकर सड़क से लेकर विधानसभा तक जनआंदोलन छेड़ेगी।
सत्ता पक्ष के नेताओं से तीखे सवाल
अमित मंडल ने मंत्री राधाकृष्ण किशोर से पूछा कि क्या पलामू और गढ़वा में मगही बोली जाती है या नहीं? विधायक दीपिका पांडे सिंह से पूछा कि क्या उन्हें नहीं पता कि गोड्डा में अंगिका बोली जाती है? साथ ही मंत्री संजय यादव और सांसद कालीचरण मुंडा से भी सवाल किया कि क्या उन्हें अपने क्षेत्रों की स्थानीय भाषाओं की जानकारी है, और अगर है तो उन्हें हटाने पर चुप क्यों हैं?
प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अशोक बड़ाईक और युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शशांक राज भी उपस्थित थे।







