Desk : नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने पाकुड़ जिले में चल रहे फर्जी दस्तावेज़ नेटवर्क को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होेंने कहा कि पाकुड़ जिले को भी कश्मीर और केरल बनाने की साजिश चल रही है।
ग्राहक सेवा केंद्रों और मोबाइल कैफे संचालकों पर बन रहा फर्जी दस्तावेज
उन्होंने अपने सोशल मीडिया साइट पर पोस्ट डालते हुए कहा कि पाकुड़ जिले में ग्राहक सेवा केंद्रों और मोबाइल कैफे संचालकों द्वारा कश्मीर और केरल के आईडी का इस्तेमाल कर आधार कार्ड, वोटर आईडी, जन्म प्रमाण पत्र और पैन कार्ड जैसे अहम दस्तावेज़ों को फर्जी तरीके से तैयार किया जाना सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी अत्यंत चिंताजनक है।
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बाबूलाल ने कहा कि फ़र्जी पहचान के सहारे आतंकी नेटवर्क और उनके स्लीपर सेल झारखंड में सक्रिय होकर किसी बड़ी साजिश को अंजाम दे सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों में जिन आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है, उनके तार इस नेटवर्क से जुड़े होने की भी पूरी संभावना है।
संथाल परगना और कोल्हान प्रमंडल के कई मतदान बूथों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या बढ़ी
इन फ़र्जी कागजातों के सहारे होने वाले दुष्परिणाम का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 2019-24 के बीच संथाल परगना और कोल्हान प्रमंडल के कई मतदान बूथों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज हुई है।
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उन्होंने कहा कि अवैध रूप से बस चुके हज़ारों जमाई टोले, आदिवासियों की जमीनों पर चल रहा है। कब्जे का खेल चीख-चीखकर घुसपैठ की गवाही दे रहे हैं। इन इलाकों में शांतिपूर्ण ढंग से पर्व त्यौहार मनाना, धार्मिक आयोजन तक करना दुश्वार हो गया है।
बाबूलाल ने कहा कि मामला चाहे फ़र्जी कागजात बनाने का हो या उन्हें अवैध ढंग से बसाने का या फिर आदिवासियों को मिटाने का प्रयास हेमंत सरकार द्वारा हर स्तर पर किया जा रहा है।
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सरकारी तंत्र घुसपैठियों को पनाह देने की गतिविधियों में संलिप्त है
उन्होंने हेमंत सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार का पूरा सरकारी तंत्र आदिवासी समाज के विरुद्ध साजिश रचने और घुसपैठियों को पनाह देने की गतिविधियों में संलिप्त है। केंद्र सरकार से आग्रह है कि झारखंड में अवैध रूप से बसे घुसपैठिए और उन्हें संरक्षण देने वाले गिरोह की एसआईटी के माध्यम से विस्तृत जांच कराते हुए झारखंड में NRC लागू करने की पहल की जाए।












