Jharkhand: डुमरी प्रखंड में पंचायत सेवक सुखलाल महतो की आत्महत्या के मामले ने अब राष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ लिया है। इस संवेदनशील मामले में आजसू पार्टी के नेता संजय मेहता ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), नई दिल्ली को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की है।
मानवाधिकार आयोग ने दर्ज किया मामला
संजय मेहता द्वारा भेजे गए पत्र पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए केस संख्या 14015/IN/2025 के अंतर्गत 16 जून 2025 को मामला दर्ज किया है। आयोग ने इस मामले को मानवाधिकार उल्लंघन और कार्यस्थल पर मानसिक उत्पीड़न से जुड़ा हुआ माना है।
पत्र में लगाए गंभीर आरोप
संजय मेहता ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि सुखलाल महतो ने आत्महत्या से पहले एक पत्र में डुमरी बीडीओ समेत तीन अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना, सार्वजनिक अपमान और दबाव के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना न केवल एक आत्महत्या है, बल्कि सरकारी सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार और क्रूरता का परिणाम है।
संविधान और मानवाधिकारों का हवाला
संजय मेहता ने अपने पत्र में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 और यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स के अनुच्छेद 5 का हवाला देते हुए कहा कि “प्रत्येक नागरिक को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार है, और किसी के साथ अमानवीय व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। यह घटना उन अधिकारों का घोर उल्लंघन है।”
तथ्यों से छेड़छाड़ की जताई आशंका
उन्होंने यह भी आशंका जताई कि चूंकि मामला सरकारी पदाधिकारियों से जुड़ा है, इसलिए सबूतों से छेड़छाड़ या सच्चाई को दबाने की कोशिश की जा सकती है। उन्होंने कहा, “यहाँ तो मुंसिफ़ ही चोर है, ऐसे में मानवाधिकार आयोग की निष्पक्षता बेहद जरूरी है।”
निष्पक्ष जाँच की माँग
आजसू नेता ने निष्पक्ष जाँच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की है। उन्होंने कहा कि यह घटना गिरिडीह जिले में कार्यस्थल पर व्याप्त भ्रष्टाचार और अमानवीयता को उजागर करती है। यदि समय रहते ऐसे मामलों पर न्याय नहीं हुआ, तो यह सामाजिक संकट का कारण बन सकता है।








