रांची: राजधानी से सटे नामकुम ग्रिड स्टेशन में बीती रात हथियारबंद अपराधियों द्वारा 16 लाख रुपये की लूट और बिजलीकर्मियों व होमगार्ड को करीब ढाई घंटे तक बंधक बनाए जाने की घटना ने झारखंड की ऊर्जा प्रणाली को हिला कर रख दिया है. इस घटना के बाद झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और राज्यभर में ऊर्जा केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं.
संघ के केंद्रीय अध्यक्ष अजय राय ने इसे “राज्य की ऊर्जा संरचनाओं पर सीधा हमला” करार देते हुए कहा कि यदि राजधानी क्षेत्र में ऐसी वारदात संभव है, तो दूर-दराज और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कार्यरत बिजलीकर्मियों की स्थिति और भी भयावह हो सकती है.
केंद्रीय सवाल और माँगें:
– नामकुम जैसे महत्वपूर्ण ग्रिड स्टेशन पर स्थायी सुरक्षा, सीसीटीवी और आपातकालीन अलार्म सिस्टम क्यों नहीं हैं?
– क्या करोड़ों की संपत्ति और कर्मियों की सुरक्षा को भगवान भरोसे छोड़ा गया है?
संघ ने रखीं ये माँगें:
– मामले की उच्चस्तरीय न्यायिक या विशेष जांच
– राज्य के सभी ग्रिड/पीएसएस पर स्थायी सुरक्षा बलों की तैनाती
– प्रत्येक केंद्र पर सीसीटीवी, सायरन और रियल-टाइम निगरानी व्यवस्था
– बिजलीकर्मियों को सुरक्षा प्रशिक्षण और आपातकालीन उपकरण
संघ ने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री हेमंत सोरेन से इस घटना को शीर्ष प्राथमिकता देने की अपील की है. साथ ही चेतावनी दी है कि यदि सरकार द्वारा शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो राज्यभर में विरोध प्रदर्शन, कार्य बहिष्कार और अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया जाएगा.संघ की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय एवं सीएमडी को एक ज्ञापन भी ईमेल द्वारा भेजा गया है.
अजय राय ने दो टूक कहा “बिजली कर्मी दिन-रात राज्य को रोशन रखने के लिए जोखिम उठाते हैं, लेकिन यदि सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकती, तो यह अत्यंत निंदनीय है. अब चुप बैठना संभव नहीं है.”








