गुकेश ने एक बार फिर भारत का नाम रौशन किया है. उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिखाया क्यों उन्हें “WORLD CHESS CHAMPION ” कहा जाता हैं.
गुकेश ने कार्लसन को हराया
शतरंज की दुनिया ने देखा कि 19 वर्षीय भारतीय प्रतिभाशाली खिलाड़ी डी. गुकेश ने एक महत्वपूर्ण मुकाबले में मौजूदा विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को पराजित किया. रविवार को नॉर्वे शतरंज 2025 टूर्नामेंट में गुकेश ने अपने करियर में पहली बार क्लासिकल फॉर्मेट में कार्लसन को हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल की. सफ़ेद मोहरों से खेलते हुए कार्लसन ने खेल में पूरे समय लगातार दबाव बनाए रखा. हालांकि, गुकेश ने सतर्कता के साथ खेल में अपना बचाव किया.
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“मैं ज़्यादा कुछ नहीं…”- गुकेश
टूर्नामेंट के इंक्रीमेंट-आधारित समय नियंत्रण के तहत, कार्लसन द्वारा की गई एक देर की गलती निर्णायक साबित हुई और गुकेश ने तुरंत इसका फ़ायदा उठाया. मैच के बाद गुकेश ने बात चीत में कहा कि, “मैं ज़्यादा कुछ नहीं कर सकता था. मुझे बस इस मौके का पूरा फ़ायदा उठाना था. मैं ऐसी चालें चल रहा था जो उसके लिए मुश्किल थीं और सौभाग्य से वह समय की समस्या में फंस गया. इस टूर्नामेंट से मैंने एक बात सीखी है कि समय की कमी नियंत्रण से बाहर हो सकती है.” अपनी खास विनम्रता भरे स्वभाव के साथ उन्होंने कहा: “सौ में से निन्यानबे बार, मैं हार जाता. यह एक भाग्यशाली दिन है.”
दोनों खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया
वहीं, निराश कार्लसन ने शतरंज की मेज़ पटक कर तेजी से मैदान से बाहर निकलकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. इसके विपरीत, गुकेश ने अपने कोच ग्रेज़गोरज़ गजेवस्की के साथ चुपचाप अपने करियर की सबसे बड़ी जीत का जश्न मनाया. यह जोड़ी टूर्नामेंट के शुरुआती दौर में पहले भी भिड़ चुकी थी, जिसमें कार्लसन ने जीत हासिल की थी, और अपने असाधारण एंडगेम कौशल का प्रदर्शन किया था. हालाँकि, इस बार गुकेश ने सबसे ज़्यादा ज़रूरी होने पर भी अपना संयम बनाए रखा.
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नॉर्वे शतरंज क्या है
नॉर्वे शतरंज, एक प्रमुख आयोजन के रूप में प्रसिद्ध है, जिसमें छह खिलाड़ियों के डबल राउंड-रॉबिन प्रारूप में शीर्ष पुरुष और महिला खिलाड़ी भाग लेते हैं. 2025 का आयोजन 26 मई से 6 जून तक स्टावेंजर में आयोजित किया जा रहा है.












