हजारीबाग: ग्रामीण शिक्षा को मजबूती देने और शिक्षकों की भूमिका को नई दिशा देने के उद्देश्य से झारखंड एजुकेशन कॉन्क्लेव 2025 का सफल आयोजन शनिवार को हजारीबाग के होटल अरन्या विहार, शीतल कुंज में हुआ। इस आयोजन का नेतृत्व एडुमंथन और स्वामी विवेकानंद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स (SVGOI) ने संयुक्त रूप से किया।
150+ शिक्षक हुए शामिल, शिक्षा सुधार पर हुआ मंथन
इस शैक्षणिक सम्मेलन में झारखंड के विभिन्न जिलों से 150 से अधिक शिक्षक शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें मुख्य अतिथि डॉ. प्रमोद पाठक (पूर्व डीन, IIT-ISM धनबाद), प्रो. (डॉ.) बिमल कुमार मिश्रा (प्राचार्य, विनोबा भावे विश्वविद्यालय), विशाल गर्ग (डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन, SVGOI), अंकुर गिल (डायरेक्टर, SVGOI) और सुजीत कुमार (सीईओ, एडुमंथन) शामिल रहे।
वक्ताओं ने रखे शिक्षा के विविध पहलू
मुख्य अतिथि डॉ. प्रमोद पाठक ने कहा,
“शिक्षा की असली सफलता तभी है जब गाँव के अंतिम बच्चे तक उसकी रोशनी पहुँचे। शिक्षक समाज के परिवर्तन के सबसे बड़े स्तंभ हैं।”
प्रो. बिमल कुमार मिश्रा ने कहा कि इस तरह के कॉन्क्लेव से शिक्षकों को दिशा और ऊर्जा मिलती है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार संभव होता है।
SVGOI के निदेशक अंकुर गिल ने कहा,
“हमें सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, छात्रों की प्रतिभा को पहचानकर सही दिशा में उन्हें मार्गदर्शन देना जरूरी है।”
उन्होंने बताया कि SVGOI पिछले 21 वर्षों से इंडस्ट्री-केंद्रित, प्लेसमेंट-उन्मुख 45+ कोर्स चला रहा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगारोन्मुख शिक्षा को बढ़ावा देना है।
एडुमंथन के सीईओ सुजीत कुमार ने कहा,
“हम गाँव-गाँव तक डिजिटल शिक्षा और आधुनिक संसाधनों की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
SVGOI के डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन विशाल गर्ग ने कहा,
“शिक्षा और उद्योग के बीच की दूरी को खत्म करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है।”
शिक्षकों को मिला सम्मान, पैनल चर्चाओं में हुआ नवाचारों का आदान-प्रदान
कार्यक्रम के दौरान कई शिक्षकों को ‘अवार्ड ऑफ एप्रीसिएशन’ से सम्मानित किया गया।
साथ ही पैनल चर्चाओं, विचार-विमर्श, और नवाचार साझा करने जैसे सत्रों ने कार्यक्रम को और अधिक ज्ञानवर्धक बना दिया।
भविष्य में और बड़े स्तर पर आयोजन का संकल्प
कार्यक्रम के समापन पर आयोजकों ने सभी शिक्षकों और अतिथियों का आभार व्यक्त किया और संकल्प लिया कि इस प्रकार के शैक्षणिक आयोजनों को आने वाले समय में और भी व्यापक स्तर पर आयोजित किया जाएगा।







