झुमरीतिलैया (कोडरमा)। ईद उल अदहा सोमवार को शांति सद्भाव और सौहार्दपूर्ण वातावरण के बीच मनाया गया। ईद उल अदहा जिसे बकरीद के नाम से जाना जाता हैं। दुनियां भर में मुसलमानों द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्पूर्ण त्यौहार हैं, यह पैगम्बर इब्राहिम की अल्लाह के प्रति समर्पण की निशानी के रूप में अपने बेटे की बलि देने की इच्छा की याद दिलाता है। इस मौके पर मुस्लिम भाइयों ने बकरीद की नमाज पूरे एहतेराम वा अदब के साथ अदा की। नमाज के बाद लोगों ने सामूहिक रूप से देश की खुशहाली अमन व भाईचारे की दुआ मांगी।
वहीं एक दूसरे से गले मिलकर आपसी इत्तैहाद का संदेश देते हुए बकरीद की मुबारक पेश की। बकरीद की नमाज खत्म होते ही लोग अपने अपने घरों में कुर्बानी के कार्यक्रम में लग गये। गौरतलब रहे कि बकरीद तीन दिन तक मनाई जाती है। जानकारों की माने तो कुर्बानी का बकरा हाइट वा वजन के हिसाब से तो बिकता ही हैं, साथ में उसकी खूबसूरती भी बहुत मायने रखती हैं। इस त्यौहार के दिन गरीब वा मजलुमो पर खासा ध्यान रखा जाता है। बकरे के मांस का तीन में से एक हिस्सा गरीबों तक पंहुचा दिया जाता है। वहीं सोमवार की सुबह 6ः30 से 7ः30 तक जिला के तमाम मस्जिदों व ईदगाहों में बकरीद की नमाज अदा कर ली गयी।
बकरीद में खासा उत्साह बच्चों वह युवाओं में देखा गया। मस्जिद व ईदगाहों के समीप मेले जैसा दृश्य था, इन स्थानों पर मिठाई, पकवान, गोलगप्पा, चार्ट, खिलौने आदि दुकानों में युवाओं की काफी भीड़ देखी गई। बकरीद के मौके पर शांति व्यवस्था चुस्त दुरुस्त नजर आया जिला प्रशासन की ओर से मस्जिद व ईदगाहों में विशेष चैकसी बरती गई। जगह-जगह पुलिस बल व दंडाधिकारी की नियुक्ति की गई थी।