Jharkhand: ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष एवं आदिवासी कुरमी महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष ललित कुमार महतो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कुरमी समाज से एकजुट रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के कारण समाज के कुछ लोग भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं।
कुरमी और कुड़मी एक ही जाति
ललित कुमार महतो ने स्पष्ट किया कि कुरमी और कुड़मी में कोई अंतर नहीं है, दोनों एक ही जाति हैं। जो लोग अपनी कुरमाली भाषा और संस्कृति को भूल चुके हैं और राड़-बंगला या उड़िया-बंगला मिश्रित भाषा बोलते हैं, वे सही उच्चारण नहीं कर पाते और कुड़मी बोलते हैं। यही लोग आज समाज को दिग्भ्रमित कर खुद को कुरमी समाज का नेता साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।
सामाजिक बहिष्कार की अपील
महतो ने कुरमी समाज से आग्रह किया कि ऐसे भटकाने वाले लोगों से सावधान रहें और उनका सामाजिक बहिष्कार करें। उन्होंने कहा कि झारखंड में कुरमी समाज राज्य की सबसे बहुल जाति होने के बावजूद राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से उपेक्षित है।
“एकजुट होकर समाज को मजबूत करें”
महतो ने भावुक अपील करते हुए कहा कि आज कुरमी समाज विकट परिस्थितियों से गुजर रहा है। चाहे राजनीति हो, समाज में सम्मान की रक्षा हो या आर्थिक मजबूती, हर क्षेत्र में चुनौतियां सामने हैं। ऐसे में समाज को एकजुट होकर उन पाखंडियों को साफ करना होगा जो कुरमी पहचान को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।








