Jharkhand News: झारखंड में पिछले दो महीनों से ब्रांडेड शराब की आपूर्ति ठप पड़ी है, जिससे राज्यभर में शराब की भारी किल्लत देखने को मिल रही है. शराब कंपनियों का आरोप है कि झारखंड स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (JSBCL) पर उनका लगभग 500 करोड़ रुपये का बकाया है. इसी कारण कंपनियों ने आपूर्ति रोक दी है.
खुदरा दुकानों के बंद होने से बार भी प्रभावित
स्थिति और भी बिगड़ गई है क्योंकि पिछले एक सप्ताह से राज्य की खुदरा शराब दुकानें ‘हैंडओवर-टेकओवर’ प्रक्रिया के कारण बंद हैं. इसका सीधा असर राज्य के 243 लाइसेंसी बार पर पड़ा है, जिनकी अधिकांश संख्या रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो और देवघर जैसे शहरों में है.
बार संचालकों के अनुसार, उन्हें शराब की आपूर्ति केवल खुदरा दुकानों से लेने का निर्देश है – जो कि मई 2022 की नई उत्पाद नीति के तहत लागू हुआ था. इससे पहले वे JSBCL के गोदामों से सीधे आपूर्ति प्राप्त करते थे. अब खुदरा दुकानों के बंद होने से नई आपूर्ति पूरी तरह रुक गई है, और वे पुराने स्टॉक पर निर्भर हैं.
भारी शुल्क, मगर बिक्री ठप
बार मालिकों ने बताया कि वे हर साल नगर निगम क्षेत्र में 9 लाख रुपये और अन्य क्षेत्रों में 6 लाख रुपये का लाइसेंस शुल्क और सिक्योरिटी मनी जमा करते हैं – भले ही बिक्री हो या न हो. मौजूदा हालात में बिक्री ठप होने से उनकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है.
JSBCL में प्रबंधन संकट, जल्द समाधान की उम्मीद
JSBCL के वित्त महाप्रबंधक का पद 21 मई से खाली था, जब तत्कालीन अधिकारी सुधीर दास को शराब घोटाले में गिरफ्तार किया गया था. अब प्रेम मेहरा को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है और गोदामों में जल्द नई आपूर्ति की उम्मीद जताई गई है.
उत्पाद विभाग के आयुक्त ने शराब कंपनियों को बकाया भुगतान जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कंपनियों से आग्रह किया है कि जैसे ही भुगतान हो, वे आपूर्ति फिर से शुरू करें ताकि किल्लत दूर हो सके और राजस्व की भरपाई संभव हो.







