Jharkhand: झारखंड के पशुपालन भवन में “पारिस्थितिक संतुलन एवं आधुनिकता के परिप्रेक्ष्य में गौ सेवा की चुनौतियां और संभावनाएं” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने किया।
इस कार्यशाला का आयोजन झारखंड गौ सेवा आयोग द्वारा किया गया, जिसमें गोवा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों से प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
पशु से प्रेम व्यक्ति की सोच और संवेदनशीलता दर्शाता है – मंत्री तिर्की
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने अपने संबोधन में कहा, “मनुष्य से प्रेम आम बात हो सकती है लेकिन पशु से प्रेम व्यक्ति की सोच और व्यवहार को दर्शाता है।” उन्होंने गौ सेवा को निस्वार्थ भाव से करने की बात कही और गौ सेवा आयोग के कामों की सराहना की।
झारखंड बना पशुओं के लिए 100 रुपये प्रतिदिन आहार भुगतान करने वाला पहला राज्य
उन्होंने बताया कि झारखंड देश का पहला राज्य है जो पशुओं के आहार के लिए प्रति दिन 100 रुपये का भुगतान करता है। यह राशि सालाना आधार पर दी जाती है, जबकि अन्य राज्यों में यह राशि 30 से 40 रुपये तक सीमित है।
गौशालाओं के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रयास
मंत्री ने कहा कि सरकार का जोर राज्य की निबंधित गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने पर है। पिछले वित्तीय वर्ष में गौशालाओं को 2.5 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। साथ ही गौशालाओं में तैयार हो रहे बायो-फर्टिलाइजर की खरीद का प्रस्ताव सरकार के पास है।
प्रतिनिधियों के सुझावों का स्वागत
मंत्री ने कार्यशाला में उपस्थित प्रतिनिधियों से सुझाव देने का आग्रह किया और कहा कि सरकार सभी सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगी।
विभागीय सचिव और अध्यक्ष ने क्या कहा?
विभागीय सचिव अबू बक्कर सिद्दीखी ने कहा कि यह आयोजन पहली बार हो रहा है और इसका उद्देश्य गौ सेवा को संरक्षित और समृद्ध बनाना है। उन्होंने बताया कि गौशालाओं को अधिक वित्तीय अधिकार देने की तैयारी की जा रही है।
गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा कि कार्यशाला में देशभर से गौ सेवा से जुड़े विशेषज्ञ शामिल हुए हैं। उन्होंने आत्मनिर्भर गौशालाओं के लिए एक ठोस कार्य योजना पर बल दिया।
पूर्व सांसद की सराहना और सुझाव
पूर्व सांसद डॉ. वल्लभभाई कथिरिया ने कहा कि झारखंड के पशुपालक गौ सेवा के क्षेत्र में एंबेसडर की भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने गौ उत्पादों जैसे दूध, गोबर और गौ मूत्र से बने उत्पादों को बढ़ावा देने पर बल दिया।
स्टॉल निरीक्षण और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यशाला के दौरान मंत्री तिर्की ने गोबर से बने उत्पादों की प्रदर्शनी का निरीक्षण किया और नवाचार की सराहना की। अंत में आयोग के उपाध्यक्ष राजू गिरी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।







