झुमरीतिलैया (कोडरमा)। बाबू वीर कुंवर सिंह का 166वां विजयोत्सव समिति झुमरीतिलैया के तत्वावधान में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर जिले के राजपूत समाज के अलावे अन्य समाज के लोग भी शामिल हुए। वहीं कार्यक्रम स्थल पहुंच कर लोगों ने सर्वप्रथम बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा को विधि विधान से पूजा अर्चना कर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर समाज के लोगों ने बाबू वीर कुंवर सिंह की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके साहस व वीरता की गौरवमयी जीवनी के बारे में लोगों को बताया।
मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में यूपीएससी के एग्जाम में 114वां स्थान हासिल किए सिद्धांत सिंह उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान नप के पूर्व अध्यक्ष उमेश सिंह, देवसिंगार सिंह व संजय सिंह ने सिद्धान सिंह को पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र देकर समानित किया। युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बने सिद्धांत सिंह ने कहा कि शिक्षा अमूल धरोहर है। शिक्षा के बलबूते ही समाज और राष्ट्र का विकास संभव है। शिक्षित होकर ही हम समाज को सही दिशा दे सकते हैं। उन्होंने उपस्थित युवाओं को शिक्षित होने की सलाह दी। वहीं अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह 1857 क्रांति के महानायक थे। हमलोग आजाद भारत में चैन की सांस ले रहे हैं तो इसकी वजह बाबू वीर कुंवर सिंह है। ऐसे नायकों को पूरे देश से सम्मान मिलना जरूरी है। देश दुनिया के लोग भी जानें।
हमारे कार्यक्रम का उद्देश्य यही है कि देश-विदेश में बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रसिद्धि फैले। महासचिव राहुल सिंह ने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह ने 80 वर्ष की उम्र में मरते दम तक अंग्रेजों से लड़ाई लड़ते रहे। 1857 में उन्होंने आजादी की लड़ाई का शंखनाद किया और पूरे बिहार, उत्तर प्रदेश में अंग्रेजों को परास्त किया। वह गरीबों और किसानों के मसीहा थे, अंतिम समय तक भी उन्होंने अंग्रेजों का डटकर सामना किया। बाबू वीर कुंवर सिंह के न्यायपूर्ण नीतियों को लागू करना ही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
वहीं कार्यक्रम में शिशिर सिंह, रमेश सिंह, उमेश सिंह, राजेश सिंह, विशाल सिंह, नीलू, सिंह, देवसिंगार सिंह, अरुण सिंह, कौशल सिंह, कृष्णा सिंह, प्रभु सिंह, राम प्रताप सिंह, शिशिर सिंह, महेश सिंह, बबलू सिंह, बोदी सिंह, लखन सिंह, नीरज सिंह, महेश सिंह समेत कई लोग मौजूद थे।