रांची। रिम्स निदेशक प्रो (डॉ) राज कुमार ने कहा कि रिम्स में डॉक्टर और नर्स से लेकर प्रशासनिक स्टाफ की कमी के बावजूद व्यवस्था को सुधारने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं। मरीज़ों को बेहतर सुविधा देना प्राथमिकता है। इमरजेंसी को दुरुस्त करना और अतिक्रमण हटाना जरूरी है।
रिम्स निदेशक ने पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि ट्रामा सेंटर के पास अतिक्रमण की वजह से एम्बुलेंस को काफी समय लग जाता है। इसलिए रिम्स परिसर व रिम्स की ज़मीन को अतिक्रमण मुक्त करना अतिमहत्वपूर्ण है। मरीज़ों को सभी दवाएं उपलब्ध कराने और जांच की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए प्रबंधन प्रयासरत है। रिम्स में ऐसी प्रणाली विकसित की जा रही है, जहां सब कुछ सुव्यवस्थित हो।
निदेशक ने कहा कि सरकारी व्यवस्था में फाइलों के जरिए कार्य होता है, जिसमें समय लगता है लेकिन वर्त्तमान में किये जा रहे कार्यो के परिणाम अगले 6 -8 महीने में दिखेंगे। डॉ राज कुमार ने बताया कि रिम्स कार्यकारिणी समिति में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं, जिन्हें शासी परिषद् के समक्ष पारित कराने के लिए प्रस्तुत किया जायेगा। नौ जुलाई को रिम्स शासी परिषद् की बैठक होगी।
निदेशक ने कहा कि आचार संहिता की वजह से कई महत्वपूर्ण निर्णयों का निष्पादन नहीं हो पाया है। साथ ही शासी परिषद् की बैठक एक साल से नहीं होने के कारण कई अहम फैसले लंबित है। नौ जुलाई को शासी परिषद् की बैठक के लिए लगभग 35 कार्यसूची तैयार की गयी है। उम्मीद है कि बैठक में निर्णय पश्चात लंबित कार्यों में गति आएगी।
निदेशक ने कहा कि उन्हें मरीजों के साथ डॉक्टरों की समस्याओं की भी जानकारी है। इसलिए इन समस्याओं के निदान के लिए उन्होंने सरकार में उच्च अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें इस सम्बन्ध में अवगत कराया है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि रिम्स के नए ओपीडी कैंपस के निर्माण के लिए कई दौर की बैठक हो चुकी है और टेंडर की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी।