रांची: झारखंड में पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में एक अहम पहल करते हुए 30 से अधिक नागरिक संगठनों ने ‘सारथी – झारखंड जस्ट ट्रांजिशन नेटवर्क’ की शुरुआत की। यह देश का पहला नागरिक समाज आधारित नेटवर्क है, जो जस्ट ट्रांजिशन यानी सतत और समावेशी विकास की दिशा में काम करेगा। इस अवसर पर वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के सचिव अबूबकर सिद्दीकी ने कहा कि ग्रीन एनर्जी की ओर संक्रमण एक अनिवार्य हकीकत है और यह प्रक्रिया समावेशी होनी चाहिए। झारखंड में यह बदलाव ऐसा होना चाहिए जिसमें कोई पीछे न छूटे।
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फॉसिल फ्यूल पर आधारित है झारखंड की अर्थव्यवस्था: ए.के. स्तोगी
कार्यक्रम में झारखंड सरकार के सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन टास्क फोर्स के चेयरपर्सन रिटायर्ड आईएफएस ए.के. स्तोगी ने कहा कि झारखंड की अर्थव्यवस्था फॉसिल फ्यूल पर आधारित है और बदलाव धीरे-धीरे होगा, लेकिन सारथी जैसे नेटवर्क इसके लिए सकारात्मक माहौल तैयार करेंगे। नाबार्ड झारखंड के सीजीएम गौतम कुमार सिंह ने जलवायु अनुकूल कृषि, एफपीओ और तसर प्लांटेशन जैसे प्रयासों की जानकारी दी। वहीं, सीएमपीडीआई के तकनीकी निदेशक शंकर नागाचारी ने माइन क्लोजर की नई गाइडलाइन के तहत इको-रेस्टोरेशन और रोजगारोन्मुखी उपायों पर जोर दिया। दो तकनीकी सत्रों में सिविल सोसायटी की भूमिका, सीएसआर निवेश और वित्तीय संसाधनों पर विस्तृत चर्चा हुई। इसमें कृष्णकांत, रिनी सिन्हा, धीरज होरो, बिटिया मुर्मू, नाबार्ड के राकेश सिन्हा, पीडब्लूसी के पीरिश विषवाल और अन्य विशेषज्ञों ने भाग लिया। कार्यक्रम में 50 से अधिक संस्थाओं ने हिस्सा लिया। आयोजन का संचालन ऋचा चौधरी और सुधीर पाल ने किया
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