सतगावां (कोडरमा)। प्रखंड में संचालित निजी विद्यालयों में एक भी विद्यालय निर्धारित अहर्ताएं पूरी नहीं करता, बावजूद सतगावां प्रखंड में धड़ल्ले से प्रतिवर्ष नामांकन के लिए बजापते ध्वनि विस्तारक यंत्रों से पर्चे छपवा कर और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार कर भोली भाली जनता की गाड़ही कमाई को लूटने का काम किया जा रहा है। इस ओर ना तो शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों का ध्यान है ना ही प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान है। यह अलग बात है कि ग्रामीणों में इस बात को लेकर जनाक्रोश व्याप्त है। बताते चलें कि सतगावां प्रखंड में लगभग तीन दर्जन निजी विद्यालय संचालित हैं। मगर एक भी विद्यालय निर्धारित अहर्ताएं पूरी नहीं करता है।
उल्लेखनीय हो कि ग्रामीण क्षेत्र में वर्ग 1 से 5 तक विद्यालय संचालन के लिए 75 डिसमिल भूमि, 18/20 के पांच कमरों के अलावे आवश्यकता अनुसार उपस्करों, प्रशिक्षित शिक्षकों को होना अनिवार्य है। जबकि वर्ग 1 से 8 तक के संचालन के लिए एक एकड़ भूमि, 18/20 फ़ीट के 8 कमरों, एक कार्यालय कक्ष आवश्यक उपस्करों के साथ-साथ सभी विषयों के प्रशिक्षित शिक्षकों के बाद ही निजी विद्यालयों का संचालन का प्रावधान है। जबकि प्रखंड में संचालित निजी विद्यालयों में बाजाप्ता छात्रावासों में भेड़ बकरियों की तरह 10/10 के कमरों में छात्रों और छात्राओं को रखे जाते हैं। इनके रसोई घरों में इस कदर गंदगी होती है कि दम घुटने लगता है। साथ ही ग्रामीण बच्चों को आटो और टोटो में बोरे की तरह लाद कर लाये और पहुंचाये जाते हैं, जिससे कई बार दुर्घटनाएं धटित हुईं हैं। इस बावत जब प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी शेख शकील अहमद से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि वर्तमान उपायुक्त ने 11 जनवरी 2024 को शिक्षा विभाग की बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि ऐसे अहर्ताएं पूरी नहीं करने वाले निजी विद्यालयों को जांचोपरांत उन पर कार्रवाई करें।
साथ ही वैसे निजी विद्यालयों जिसने सीबीएससी बोर्ड से मान्यता प्राप्त की है, उनकी मान्यता समाप्त कराने के लिए बोर्ड को जिला स्तर से उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा कर कार्रवाई करायी जायेगी। मगर निजी विद्यालयों पर कोई कार्रवाई नहीं होना शिक्षा विभाग पर संदेह होना लाजमी है।