अगले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार के लिए कई महत्वपूर्ण घटनाएँ होने जा रही हैं, जो बाजार के रुख को प्रभावित कर सकती हैं. वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के नतीजे, ऑटो बिक्री के आंकड़े, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का डेटा इस सप्ताह के प्रमुख कारक होंगे.
तिमाही नतीजे
इस सप्ताह अडानी ग्रीन, बजाज फिनसर्व, वेदांता, और अन्य बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे घोषित किए जाएंगे. ये परिणाम निवेशकों की धारणा को प्रभावित कर सकते हैं. खासकर अडानी समूह की कंपनियों के नतीजों पर बाजार की नजर रहेगी क्योंकि पिछले कुछ समय में इनकी स्थिति में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है.
ऑटो सेल्स
मार्च महीने की ऑटो बिक्री के आंकड़े 1 मई को जारी किए जाएंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार बिक्री में गिरावट देखने को मिल सकती है. मोतीलाल ओसवाल ने अनुमान लगाया है कि पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में सालाना आधार पर 12-14 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. यह आंकड़ा बाजार में एक महत्वपूर्ण संकेतक हो सकता है, खासकर जब हम देखते हैं कि ग्राहकों की रुचि एसयूवी में बढ़ी है.
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी)
28 अप्रैल को मार्च महीने का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) जारी किया जाएगा. यह डेटा आर्थिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण संकेतक होता है और इससे पता चलता है कि उद्योगों में उत्पादन स्तर कैसा रहा. यदि आईआईपी में वृद्धि होती है तो यह सकारात्मक संकेत माना जाएगा, जबकि गिरावट से बाजार पर दबाव पड़ सकता है.
एफआईआई डेटा
अगले हफ्ते एफआईआई द्वारा किए गए निवेश का डेटा भी जारी होगा. हाल ही में एफआईआई ने शुद्ध खरीदार बने रहने की प्रवृत्ति दिखाई है, जिससे बाजार में सकारात्मकता बनी हुई है. यदि यह प्रवृत्ति जारी रहती है तो इससे बाजार को समर्थन मिल सकता है.
वैश्विक कारक
इसके अलावा, अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों का भी असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ेगा. अमेरिका से आने वाले जीडीपी डेटा और जॉबलेस क्लेम जैसे आंकड़े भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित कर सकते हैं.









