जामताड़ा: जामताड़ा जिले में डीवीसी के रवैये को लेकर पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने जोरदार हमला बोला है। शनिवार को केलाही में डीवीसी द्वारा आयोजित जन-जनित रोग (डायरिया) जागरूकता अभियान में हिस्सा लेने पहुंचे अंसारी ने कहा कि जामताड़ा डीवीसी से सबसे अधिक प्रभावित जिला है, लेकिन कंपनी यहां के विकास की पूरी तरह अनदेखी कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि डीवीसी अपना अधिकांश सीएसआर फंड पश्चिम बंगाल में खर्च करती है, जबकि जामताड़ा के गांव हर साल बारिश में डूबते हैं। जमीन हमारी ली गई, गांव हमारे उजाड़े गए, लेकिन विकास बंगाल का—यह अन्याय अब और सहन नहीं किया जाएगा।
39 मौजा से ली गई 10,500 हेक्टेयर जमीन
फुरकान अंसारी ने कहा कि डीवीसी ने जामताड़ा से 39 मौजा की 10,500 हेक्टेयर जमीन ली है, जबकि पश्चिम बंगाल से केवल 12 मौजा की जमीन ली गई। इसके बावजूद बंगाल में विकास कार्य हो रहा है और जामताड़ा खाली हाथ है। उन्होंने मांग की है कि विस्थापित गांवों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ 10 किलोमीटर दायरे में माइक्रो लिफ्ट सिंचाई की व्यवस्था की जाए। विस्थापित परिवारों को उचित मुआवजा, नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं दी जाएं। झारखंड और पश्चिम बंगाल के विकास की तुलना सार्वजनिक की जाए, ताकि सौतेले व्यवहार का सच सामने आए। अंसारी ने चेतावनी दी कि विस्थापित सालों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन डीवीसी केवल आश्वासन देती रही है। अब समय आ गया है कि विस्थापितों को उनका हक मिले, वरना आंदोलन तेज होगा।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल
इस मौके पर SIP मैनेजर कौशलेंद्र सिंह, DCMO डॉ. संघमित्रा नंदी, डीवीसी राजभाषा अधिकारी सह PRO अरविंद सिंह, पियारसोला पंचायत की मुखिया माखूनी हेंब्रम और सिद्धू कान्हु अल्पसंख्यक समिति के अध्यक्ष कुद्दुश अंसारी भी मौजूद रहे।
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