घर बैठे दर्शन, ऑनलाइन पूजा और वर्चुअल व्रत– बदल रही है धार्मिक जीवनशैली…..धर्म अब केवल मंदिरों, तीर्थों या धार्मिक स्थलों तक सीमित नहीं रहा. बदलती जीवनशैली और तकनीकी क्रांति ने धर्म को भी मॉडर्न बना दिया है. आज के दौर में लोग मोबाइल ऐप्स, यूट्यूब लाइव दर्शन, ऑनलाइन पूजा बुकिंग और वर्चुअल व्रत समुदायों के जरिए अपनी आस्था को नए रूप में जी रहे हैं.
डिजिटल दर्शन: एक क्लिक में मंदिर
अब लोग देश के प्रसिद्ध मंदिरों – जैसे वैष्णो देवी, तिरुपति बालाजी, काशी विश्वनाथ या सिद्धिविनायक – के दर्शन घर बैठे ही कर रहे हैं. यूट्यूब और मंदिरों की ऑफिशियल वेबसाइट्स पर “Live Darshan” और “Aarti Broadcast” रोजाना लाखों लोग देख रहे हैं. यह खासकर बुजुर्गों और व्यस्त युवाओं के लिए एक बड़ा सहारा बन गया है.
ऑनलाइन पूजा से आसान हुई श्रद्धा
कई धार्मिक संस्थाएं अब ऑनलाइन पूजा बुकिंग की सुविधा दे रही हैं. आप अपने नाम से मंदिर में पूजा करा सकते हैं, और पूजा का वीडियो या फोटो ईमेल पर मिल जाता है. “ई-यज्ञ,” “Zoom पर हवन,” जैसी चीजें अब नई पीढ़ी को भी जोड़ रही हैं.
व्रत और त्योहार अब बने सोशल कम्युनिटी मूवमेंट
फेसबुक और इंस्टाग्राम पर श्रावण सोमवार व्रत, नवरात्रि उपवास, करवा चौथ जैसी धार्मिक परंपराएं अब कम्युनिटी इवेंट बन गई हैं. महिलाएं व्रत की विधि, पूजा सामग्री और आउटफिट तक शेयर कर रही हैं. रील्स और लाइव वीडियोज़ के ज़रिए धर्म अब संवाद का हिस्सा बन चुका है.
युवा भी जुड़ रहे हैं अपने तरीके से
21वीं सदी का युवा धर्म को अंधविश्वास नहीं, बल्कि ऊर्जा का स्त्रोत मान रहा है. मेडिटेशन, मंत्र जाप, गीता चैप्टर रीडिंग ऐप्स, और पर्सनल मंत्र रिंगटोन जैसी चीज़ें अब ट्रेंड में हैं. आध्यात्मिकता को स्टाइल और सेल्फ ग्रोथ के हिस्से के तौर पर देखा जा रहा है.
नया दौर है, तो धर्म की भाषा भी बदली है — अब पूजा थाली के साथ-साथ स्मार्टफोन भी जरूरी है.











