World IVF Day: हर साल 25 जुलाई को वर्ल्ड IVF डे (World IVF Day) मनाया जाता है. यह दिन न सिर्फ चिकित्सा विज्ञान की ऐतिहासिक उपलब्धि को याद करने का दिन है, बल्कि उन लाखों दंपतियों की उम्मीद का प्रतीक भी है, जिनके जीवन में संतान की चाह पूरी हो सकी.
इस मौके पर IVF विशेषज्ञों का कहना है कि IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) एक चमत्कारी तकनीक है, लेकिन इसमें धैर्य, समझदारी और समय की अहम भूमिका होती है.
क्या है IVF (IVF)?
IVF (In Vitro Fertilization) एक प्रजनन तकनीक है, जिसमें महिला के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु को शरीर के बाहर लैब में मिलाया जाता है. इसके बाद तैयार भ्रूण को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है.
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यह प्रक्रिया खासतौर पर उन दंपतियों के लिए वरदान है जो लंबे समय से संतान की कोशिश कर रहे हैं लेकिन प्राकृतिक तरीकों से गर्भधारण संभव नहीं हो पा रहा.
IVF की प्रक्रिया कैसे होती है?
- ओवरी स्टिमुलेशन: महिला को हार्मोनल इंजेक्शन दिए जाते हैं ताकि एक से अधिक अंडाणु विकसित हों.
- एग रिट्रीवल: मामूली प्रक्रिया के तहत अंडाणु निकाले जाते हैं.
- फर्टिलाइजेशन: लैब में अंडाणु और शुक्राणु को मिलाकर भ्रूण तैयार किया जाता है.
- एंब्रायो ट्रांसफर: भ्रूण को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है.
- प्रेगनेंसी टेस्ट: लगभग 14 दिन बाद यह तय होता है कि गर्भधारण सफल रहा या नहीं.
सफलता दर और खर्च कितना आता है?
- महिला की उम्र और स्वास्थ्य IVF की सफलता दर को प्रभावित करते हैं.
- 35 साल से कम उम्र में सफलता दर 40-50% तक होती है.
- 40 साल के बाद यह घटकर 20% तक रह जाती है.
- भारत में एक IVF साइकिल का खर्च ₹1.5 लाख से ₹2.5 लाख तक आता है.
- अगर ICSI, डोनर एग या एंब्रायो फ्रीजिंग जैसी एडवांस तकनीकें लगें तो यह खर्च ₹4 से ₹5 लाख तक भी जा सकता है.
IVF: सिर्फ तकनीक नहीं, भावनाओं का सफर
IVF केवल एक चिकित्सा प्रक्रिया नहीं, बल्कि भावनाओं, उम्मीदों और धैर्य की यात्रा है. यह तकनीक लाखों उन दंपतियों के लिए नई रोशनी लेकर आती है जो सालों से संतान के लिए संघर्ष कर रहे थे.
Disclaimer: यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. किसी भी मेडिकल निर्णय या प्रक्रिया से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें.












