Jharkhand News— झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, झामुमो के संस्थापक संरक्षक और आदिवासी समाज के प्रेरणास्रोत दिशोम गुरु शिबू सोरेन का सोमवार सुबह गंगाराम अस्पताल, नई दिल्ली में निधन हो गया. उनके निधन से झारखंड ही नहीं, देश भर में आदिवासी, दलित, वंचित, किसान, मजदूर और महिला समुदायों में शोक की लहर दौड़ गई है.
बता दें, शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर सोमवार शाम 5 बजे विशेष विमान से दिल्ली से रांची लाया जाएगा. एयरपोर्ट से सीधे उनके आवास पर लाया जाएगा. 5 अगस्त को उनका पार्थिव शरीर आम जनता और नेताओं के अंतिम दर्शन के लिए झारखंड विधानसभा और झामुमो पार्टी कार्यालय में रखा जाएगा.
इसके बाद अंतिम संस्कार के लिए उन्हें उनके पैतृक गांव नेमरा (रामगढ़ जिला) ले जाया जाएगा, जहाँ पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
देशभर से नेताओं ने जताया शोक
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू:
“शिबू सोरेन जी ने आदिवासी समाज के कल्याण के लिए जो कार्य किए, वे सदैव स्मरणीय रहेंगे.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी:
“शिबू सोरेन जी एक ज़मीनी नेता थे. वंचितों और आदिवासियों के लिए उनका समर्पण प्रेरणादायक था. उनके निधन से दुःख हुआ. मैंने हेमंत सोरेन जी से बात की और संवेदना व्यक्त की.”
राहुल गांधी (नेता प्रतिपक्ष, लोकसभा):
“शिबू सोरेन आदिवासी समाज की मज़बूत आवाज़ थे. झारखंड के निर्माण में उनकी भूमिका को कभी भुलाया नहीं जा सकता.”
मल्लिकार्जुन खरगे (अध्यक्ष, कांग्रेस):
“शिबू सोरेन ने जल, जंगल, ज़मीन और आदिवासी संस्कृति के लिए जीवनभर संघर्ष किया.”
प्रियंका गांधी वाड्रा:
“शिबू सोरेन जी का जाना हम सभी के लिए गहरा दुख है. परिजनों को मेरी संवेदनाएं.”
रघुवर दास (पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड):
“वह मेरे लिए पिता तुल्य रहे. उनके मार्गदर्शन में उपमुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.”
बाबूलाल मरांडी (विपक्ष नेता, झारखंड विधानसभा):
“उनका जाना झारखंड की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है.”
मायावती (BSP अध्यक्ष):
“वंचित समाज की आवाज़ आज खामोश हो गई. मैं हेमंत सोरेन और पूरे परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं.”
नीतीश कुमार (मुख्यमंत्री, बिहार):
“झारखंड और देश की राजनीति को अपूरणीय क्षति हुई है.”
सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा (डिप्टी CM, बिहार):
“शिबू सोरेन जी का संघर्ष आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा.”
JMM ने कहा — दिशोम गुरु का निधन हिमालय के स्खलन जैसा
झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, “गुरुजी का जाना हिमालय के टूटने के समान है. उन्होंने दबे-कुचले समाज को आवाज़, सम्मान और अधिकार दिलाया. उनका जीवन सिखाता है कि धारा के विरुद्ध जाकर भी बदलाव लाया जा सकता है.”
शिबू सोरेन ने झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने, आदिवासी अधिकारों की लड़ाई, शिक्षा और शोषण के खिलाफ आवाज़ बुलंद की. वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री और कई बार लोकसभा सांसद रह चुके थे. उनका जाना झारखंड आंदोलन के एक अध्याय का समापन है.
अन्य नेताओं ने भी जताया शोक
गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि गुरुजी का जाना एक युग के अंत जैसा है। उन्होंने कहा कि झारखंड ने न केवल एक जननेता, बल्कि एक सिद्धांतवादी और संघर्षशील व्यक्तित्व को खो दिया है। गुरुजी को किसी राजनीतिक दायरे में नहीं बांधा जा सकता—वो सदैव दलगत राजनीति से ऊपर रहकर, समाज के दबे-कुचले वर्गों की आवाज बने। राजीव रंजन प्रसाद ने आगे कहा कि “महाजनी प्रथा, नशामुक्ति और शोषण के विरुद्ध उन्होंने जो संघर्ष किया, वह झारखंड की आत्मा में सदैव जीवित रहेगा।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव बिनय सिंहा दीपू ने कहा, “झारखंड आंदोलन के मसीहा और हमारे अभिभावक दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन अत्यंत दुखद है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिवार सहित पूरे राज्य को इस दुख को सहने की शक्ति दें।” वहीं हाजी मतलूब इमाम ने ट्वीट कर लिखा, “जनआंदोलनों के जीवन्त प्रतीक, झारखंड राज्य की परिकल्पना को साकार करने वाले महान नेता को शत-शत नमन एवं अंतिम जोहार।”
पूर्व कैबिनेट मंत्री कमलेश कुमार सिंह ने उनके निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होनें अपने शोक संदेश में कहा, “दिशोम गुरु का जाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। मुझे उनके साथ सरकार में बतौर मंत्री काम करने का अवसर मिला। उनके नेतृत्व ने जनसेवा का असली मतलब समझाया। उनका संघर्ष और त्याग आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।”
उन्होंने बाबा बैजनाथ से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को शांति और उनके परिवार व समर्थकों को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति मिले।
इसी क्रम में भाजपा के युवा नेता सूर्या सोनल सिंह ने भी शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने उन्हें “Tribal Hero” बताते हुए कहा कि वे आदिवासी समाज की आवाज़ को राष्ट्रीय मंच तक ले गए और उनका जीवन संघर्ष की मिसाल बना रहेगा।







