Jharkhand News: झारखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार भले ही लंबे चौड़े और बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। दरअसल एक मामला गुमला सदर अस्पताल से सामने आया है, जहां की घटना ने सरकार की तमाम इन दावों की पोल खोल कर रख दी है। और नतीजा यह हुआ कि एंबुलेंस सेवा में देरी के कारण एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई।
हादसे में पति-पत्नी गंभीर रूप से घायल
मिली जानकारी के अनुसार, चैनपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले बिना रोटियां अपनी पत्नी कलावती देवी और डेढ़ साल की बेटी वर्षा कुमारी के साथ मंगलवार को हिंद मेला देखने गए थे। बुधवार की तड़के करीब 4 बजे जब वे बाइक से घर लौट रहे थे, तभी काशीरे के पास एक तेज रफ्तार मारुति वैन ने पीछे से उनकी बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में पति-पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि टक्कर के बाद वैन चालक मौके से फरार हो गया।
इंतज़ार के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची
स्थानीय लोगों की मदद से दोनों को सुबह करीब 5 बजे गुमला सदर अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने हालत गंभीर देखते हुए पति-पत्नी दोनों को रिम्स रांची रेफर कर दिया। परिजन तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा को कॉल करते रहे, लेकिन कॉल सेंटर की ओर से सिर्फ 15 मिनट में एंबुलेंस पहुंचेगी का आश्वासन मिलता रहा। करीब एक घंटे तक यह 15 मिनट का खेल चलता रहा और आखिरकार इंतज़ार के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची।
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समय पर मदद न मिलने की वजह से गई जान
समय पर मदद न मिलने की वजह से गंभीर रूप से घायल कलावती देवी ने अस्पताल में ही तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि अगर एंबुलेंस समय पर पहुंच जाती, तो कलावती की जान बचाई जा सकती थी।
इस घटना ने न केवल एंबुलेंस सेवा की लचर व्यवस्था को उजागर किया है, बल्कि सरकार के स्वास्थ्य दावों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
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