Desk : झारखंड में लंबे समय से पोस्ट मैट्रिक की छात्रवृत्ति नहीं मिली है। राज्भर के लाखों छात्रों को इसके कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लगभग डेढ़ साल से भी लंबे समय से छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली है। इसी बीच बाबूलाल मरांडी ने भी राज्य सरकार के कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया है।
माता-पिता को मजबूरन कर्ज लेना पड़ रहा है
बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया साइट पर हेमंत सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि झारखंड में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लाखों आवेदन महीनों से लंबित पड़े हुए हैं। जिसके कारण राज्यभर के गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चे फीस जमा करने, किताबें खरीदने और हॉस्टल खर्च उठाने में असमर्थ हो रहे हैं। कई छात्रों के माता-पिता मजबूर होकर कर्ज लेकर अपने बच्चों का नामांकन करा रहे हैं, ताकि उनकी पढ़ाई बीच में न रुक जाए।
स्थिति राज्य की शिक्षा व्यवस्था की संवेदनहीनता को दर्शाती है
उन्होंने हेमंत सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज शिक्षा जैसी बुनियादी ज़रूरतों के लिए भी हमारे झारखंड के युवाओं को आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है। बाबूलाल ने कहा छात्रवृत्ति, जो विद्यार्थियों के सपनों को पंख देने का साधन होनी चाहिए, आज उनकी सबसे बड़ी चिंता बन गई है। यह स्थिति राज्य की शिक्षा व्यवस्था की संवेदनहीनता को दर्शाती है।
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उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन से आग्रह किया कि छात्रों की इस पीड़ा को समझे और यथाशीघ्र छात्रवृत्ति भुगतान सुनिश्चित करे ताकि छात्रों को दर-दर की ठोकर ना खाना पड़े।












