Dhanteras 2025: आज पूरे देश में धनतेरस 2025 का पावन पर्व हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। दिवाली महोत्सव की शुरुआत धनतेरस से ही होती है, जिसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है।
पौराणिक मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान इसी दिन देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। इसी कारण यह दिन समृद्धि, स्वास्थ्य और शुभता का प्रतीक माना जाता है।
धनतेरस 2025 तिथि और शुभ समय
- तिथि आरंभ: 18 अक्टूबर दोपहर 12:18 बजे
- तिथि समाप्ति: 19 अक्टूबर दोपहर 1:51 बजे
खरीदारी के शुभ मुहूर्त (Gold & Silver खरीदने का समय):
- सुबह 8:50 बजे से 10:33 बजे तक
- सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक
- शाम 7:16 बजे से रात 8:20 बजे तक
चौघड़िया मुहूर्त (Dhanteras Choghadiya Timings):
- शुभ काल: सुबह 7:49 बजे से 9:15 बजे तक
- अमृत काल: दोपहर 2:57 बजे से शाम 4:23 बजे तक
- चर काल: दोपहर 12:06 बजे से 1:32 बजे तक
धनतेरस पूजन का मुहूर्त (Dhanteras Puja Muhurat):
- शाम 7:16 बजे से रात 8:20 बजे तक
इस दौरान माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा करें। यह पूजन सुख, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य का आशीर्वाद देता है।
यम दीप कब जलाएं? (Yama Deepam 2025 Timing):
शाम 5:48 बजे से 7:04 बजे तक
इस अवधि में घर के मुख्य द्वार पर चारमुखी दीपक जलाएं। यह दीपदान यमराज के लिए होता है, जिससे परिवार में असमय मृत्यु और रोगों से रक्षा की कामना की जाती है।
धनतेरस पर क्या खरीदना शुभ होता है?
ज्योतिष और परंपराओं के अनुसार, इस दिन निम्न चीजें खरीदना बेहद शुभ माना जाता है:
- सोना और चांदी: आभूषण, सिक्के आदि लक्ष्मी कृपा के प्रतीक हैं
- बर्तन: तांबे और पीतल के नए बर्तन
- झाड़ू: घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए
- इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स और वाहन: कई लोग आज के दिन वाहन, मोबाइल और अन्य कीमती चीजें भी खरीदते हैं
धनतेरस का महत्व (Dhanteras Significance):
धनतेरस न केवल धन और समृद्धि का उत्सव है, बल्कि स्वास्थ्य का पर्व भी है। भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के कारण यह दिन आयुर्वेद और आरोग्य से भी जुड़ा हुआ है। इस दिन लोग लक्ष्मी और कुबेर की पूजा कर आर्थिक समृद्धि की प्रार्थना करते हैं और भगवान धन्वंतरि से दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य का आशीर्वाद मांगते हैं।










