Ranchi: चाईबासा में बच्चों को खून चढ़ाने और उनमें एचआइवी पॉजीटिव होने के मामेल में आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। जहां कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सरकार के अधिकारियों को फटकार लगाई है, साथ ही कोर्ट ने इस मामले को गंभीर बताते हुए सरकार को तत्काल इसे रोकने के निर्देश दिए है।
Read more:JSSC CGL परीक्षा की CBI जांच की मांग पर शुक्रवार को होगी सुनवाई
हाईकोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए अधिकारी
बता दें कि आज यानी गुरुवार को हाईकोर्ट के समक्ष स्वास्थ्य सचिव अजय कुमार सिंह, झारखंड एड्स कंट्रोल सोसाइटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, और ड्रग कंट्रोलर सशरीर उपस्थित थे। हाईकोर्ट ने अधिकारियों को शपथ पत्र दाखिल कर सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में ब्लड डोनेशन कैंप का ब्यौरा भी मांगा है। साथ ही राज्य के तमाम अस्पतालों यानी सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में कितने मात्रा में रक्त की आवश्यक्ता है कितना उपलब्ध है, इसकी पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया है।
Read more: प्रेम विवाह के 37वें दिन हुआ दर्दनाक अंत — पति के एक कॉल ने ले ली जान!
27 अक्टूबर को सामने आय़ा था मामला
ध्यान रहे कि 27 अक्टूबर को चाईबासा के सदर अस्पतालव में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रिमित खून चढ़ा दिया गया था। जिसके बाद 5 बच्चों में एचआईवी संक्रमित पाया गया था। इस घटना के बाद राजनीतिक पार्टियों के द्वारा सरकार पर जमकर निशाना साधा गया था, वहीं मामले की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और तत्काल उन्हें पद भार से हटाने का निर्देश दिया था। फिलहाल आज झारखंड हाईकोर्ट ने भी मामले में सुनावाई करते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई है।







