रांची: जनजातीय गौरव दिवस को लेकर भारतीय जनता पार्टी पूरे झारखंड में विशेष कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है। इस संबंध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर विस्तृत जानकारी दी। मरांडी ने कहा कि झारखंड राज्य का निर्माण भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुआ था, जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। उन्होंने बताया कि झारखंड और छत्तीसगढ़ को अलग राज्य का दर्जा इसलिए दिया गया क्योंकि इन इलाकों में जनजातीय आबादी सबसे अधिक है। राज्य निर्माण की तिथि 15 नवंबर तय की गई, क्योंकि यह दिन आदिवासी नायक बिरसा मुंडा की जयंती का प्रतीक है। इसी कारण राज्य का गठन उनके नाम समर्पित किया गया।
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आदिवासी समाज का उत्थान पर पार्टी केंद्रित
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी की नीति हमेशा से आदिवासी समाज के उत्थान, सम्मान और स्वाभिमान पर केंद्रित रही है। उन्होंने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी ने न सिर्फ जनजातीय मामलों के लिए अलग मंत्रालय बनाया, बल्कि संथाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर आदिवासी पहचान को सम्मान दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय समाज को देश की सर्वोच्च पहचान दिलाई है। आज देश की राष्ट्रपति एक जनजातीय समाज से आती हैं। ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भी आदिवासी मुख्यमंत्री हैं। भाजपा आदिवासी समाज के लिए केवल राजनीति नहीं, बल्कि समाज के समग्र विकास के लिए काम करती है।
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पीएम मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस की शुरूआत
उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने 2021 से जनजातीय गौरव दिवस की शुरुआत की, ताकि बिरसा मुंडा जैसे जननायकों के योगदान को देशभर में सम्मान दिया जा सके। मरांडी ने कहा कि 2014 से पहले देश में केवल 123 एकलव्य विद्यालय थे, लेकिन आज उनकी संख्या 700 से अधिक हो गई है। इन विद्यालयों में अब 1 लाख से ज्यादा आदिवासी बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, उन्होंने बताया।मरांडी ने कहा कि आज की राजनीति में वे समुदाय केंद्र में रहते हैं जिनकी संख्या अधिक है, लेकिन भाजपा ने हमेशा जनजातीय समाज के अधिकारों पर केंद्रित है।







