भारतीय नौसेना का सेलिंग वेसल INSV तारिणी ने 17 अप्रैल को ‘Cape of Good Hope’ को पार किया, जो कि उनकी ऐतिहासिक समुद्री यात्रा का एक महत्वपूर्ण मोड़ है. यह यात्रा भारत के समुद्री इतिहास में एक और गौरवपूर्ण अध्याय जोड़ती है. INSV तारिणी, जो कि 17 मीटर लंबी और 5 मीटर चौड़ी नाव है, ने पिछले साल 2 अक्टूबर को गोवा से अपनी यात्रा शुरू की थी. इस यात्रा का उद्देश्य समुंदर के रास्ते दुनिया का मापना था. बता दें INSV तारिणी का इस यात्रा को दो महिला अधिकारियों ने लीड किया है.
कौन है वो दो महिला अधिकारी?
INSV तारिणी की इस यात्रा में दो महिला अधिकारी, लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा शामिल हैं. इन दोनों अधिकारियों ने बिना किसी बाहरी सहायता के केवल हवा की शक्ति पर निर्भर करते हुए लगभग 23,400 नॉटिकल मील (43,300 किलोमीटर) की दूरी तय करने का लक्ष्य रखा है. ‘Cape of Good Hope’ के पार करने के बाद, अब वे अपने घर गोवा की ओर लौटने वाले हैं और उम्मीद है कि वे मई 2025 के अंत तक वहां पहुंचेंगे.
Cape of Good Hope का महत्व
Cape of Good Hope को ‘Cape of Storms’ भी कहा जाता है और यह एक ऐतिहासिक स्थल है जो कई नाविकों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है. INSV तारिणी ने इस कठिनाई को पार करते हुए अपनी साहसिकता और समुद्री कौशल को साबित किया है. उनके द्वारा किए गए प्रयास न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि हैं बल्कि यह भारतीय महिलाओं की ताकत और साहस को भी दर्शाते हैं.
सांस्कृतिक एवं सामुदायिक जुड़ाव
Cape Town में ठहरने के दौरान, INSV तारिणी ने कई सांस्कृतिक और सामुदायिक कार्यक्रमों में भाग लिया. यहां उन्होंने स्थानीय छात्रों और भारतीय समुदाय के सदस्यों से बातचीत की. इस यात्रा का उद्देश्य न केवल समुद्र पर भारतीय महिलाओं की उपस्थिति को बढ़ावा देना है बल्कि यह भी दिखाना है कि भारत अपनी स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमताओं में सक्षम है. INSV तारिणी की यह यात्रा न केवल भारतीय नौसेना बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है.
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