KhabarMantra: बोकारो SP मनोज स्वर्गियारी के आवास पर खलबली मच गई , जब 22 साल की नक्सली वहां सरेंडर करने पहुची. बताया जा रहा है की वो महिला नक्सली और कोई नहीं बल्कि तीन साल जेल में सजा काट चुकी सुनीता मुर्मू उर्फ़ लील्मुनी है. SP मनोज को जैसे ही इसकी खबर मिली उन्होंने महिला नक्सली को अंदर बुला लिया , और पूछताछ के दौरान पता चला की वो ललपनिया के लुगु पहाड़ में 21 अप्रैल को ऑपरेशन डाकाबेड़ा के दौरान हुई मुठभेड़ में शामिल थी.
सुनीता मुर्मू ने बताया की वो दुमका के शिकारीपीड़ा थाना क्षेत्र अमरपानी गाँव की निवासी है. उसने बताया की उसे धोके से संगठन में शामिल कर लिया , जहां से वो कभी वापिस लौट ही नहीं पाई. सुनीता ने बताया की वह उस संगठन में खाना बनाने से लेकर सब काम करती थी , और उस दौरान उसने गोली चलाना भी सीख लिया था. 2018 में उसके खिलाफ पहली शिकायत खुखरा थाना में दर्ज की गई थी. आर्म्स एक्ट और नक्सली गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है, और इसके लिए वो तीन साल गिरिडीह जेल में बंद भी थी. उसने बताया की 7 दिनों से जंगल में भूखे प्यासे भटकने के बाद लोगों से पूछते पूछते SP आवास पहुची है . वह सरकार की सरेंडर पॉलिसी के तेहत सरेंडर करना चाहती है.

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SP ने कहा की नक्सली गतिविधिया छोड़ वापिस लौटी है सुनीता और उन्हें सरेंडर पॉलिसी की सुविधाएं दी जाएँगी. इनकी सुरक्षा को देखते हुए इन्हें ओपन जेल में रखा जायेगा , निति के तेहत तीन लाख रुपये , जीविकोपार्जन के लिए ज़मीन और केस लड़ने के लिए सरकारी वकील , और बीमा सहित अन्य सुविधाएं दी जाएँगी. उस दौरान अपर समाहर्ता मुमताज़ अंसारी, बेरमो SDPO वशिष्ठ नारायण सिंह , CRPF 26 बटालियन के द्वितीय कमान अधिकारी प्रकाश चन्द्र बादल , उप कमांडेंट विनोद कुमार यादव आदि मौजूद थे.






