KhabarMantra: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष और झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर नाइजर में आतंकी समूह द्वारा अपहृत झारखंड के पांच श्रमिकों की तत्काल और सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है.
पत्र में महतो ने बताया कि झारखंड के गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के रहने वाले ये पांच श्रमिक नाइजर की राजधानी नियामे से लगभग 115 किलोमीटर दूर कल्पतरु प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के कार्यस्थल पर काम कर रहे थे, जहां 25 अप्रैल को उन्हें अगवा कर लिया गया. उन्होंने इसे न केवल पीड़ित परिवारों के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक गहरी त्रासदी बताया.
महतो ने कहा कि ये श्रमिक अपने परिवार के बेहतर भविष्य के लिए विदेश में कार्यरत थे और अब उनका अपहरण विदेशों में कार्यरत भारतीयों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करता है. उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह नाइजर सरकार से कूटनीतिक और रणनीतिक स्तर पर बातचीत कर शीघ्र हस्तक्षेप करे.
आजसू पार्टी लगातार इस मुद्दे को लेकर सक्रिय है. पार्टी नेताओं – विधायक निर्मल महतो, पूर्व विधायक डॉ. लंबोदर महतो और संजय मेहता – ने हाल ही में अपहृत श्रमिकों के परिजनों से बगोदर में मुलाकात की और उन्हें रिहाई के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी.
सुदेश महतो ने गृह मंत्री को भेजे गए पत्र में तीन प्रमुख मांगें रखी हैं:
- तत्काल कार्रवाई – नाइजर सरकार से समन्वय कर श्रमिकों की रिहाई सुनिश्चित की जाए.
- परिवारों को सहायता – अपहृत लोगों के परिजनों को नियमित जानकारी दी जाए और भावनात्मक सहयोग भी प्रदान किया जाए.
- नीतिगत सुधार – विदेशों में खासकर जोखिम वाले क्षेत्रों में कार्यरत भारतीयों की सुरक्षा के लिए दीर्घकालिक नीति तैयार की जाए.
महतो ने कहा कि यह केवल पांच व्यक्तियों की सुरक्षा का विषय नहीं, बल्कि पूरे झारखंड और भारत की प्रतिष्ठा का सवाल है. उन्होंने झारखंड की जनता से इस मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की और कहा कि आजसू पार्टी जनजागरण अभियान चलाकर सरकार पर दबाव बनाएगी.
अपहृत नागरिकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए महतो ने उन्हें भरोसा दिलाया कि “हम आपके दुख में आपके साथ हैं, और हर संभव प्रयास करेंगे ताकि आपके अपने जल्द और सुरक्षित घर लौट सकें.”
उन्होंने विश्वास जताया कि गृह मंत्री अमित शाह इस मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे और भारत सरकार की कूटनीतिक ताकत के बल पर इन श्रमिकों को शीघ्र रिहा कराया जाएगा.






