KhabarMantra: सेल चासनाला की महत्वाकांक्षी टासरा प्रोजेक्ट एक बार फिर विवादों में घिर गया है। शुक्रवार को प्रोजेक्ट से सटे रोहड़ाबाँध बस्ती के निवासियों ने अपने घरों में आई दरारों को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। स्थानीयों का आरोप है कि बिना उचित विस्थापन के कोयला खनन के लिए की जा रही हैवी ब्लास्टिंग के कारण उनके घरों की दीवारों में गंभीर दरारें पड़ गई हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने इस मामले की जानकारी खान सुरक्षा विभाग को दी थी। विभाग की टीम ने स्थल पर पहुँचकर जाँच की, परंतु दरारों की मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति कर लौट गई। उनका कहना है कि सेल प्रबंधन और उसके संवेदक कल्याणेश्वरी टासरा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड (KTMPPL) जानबूझकर स्थानीय लोगों की समस्याओं की अनदेखी कर रहा है।
प्रभावित लोगों ने आशंका जताई कि ब्लास्टिंग के चलते किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। उनका आरोप है कि ब्लास्टिंग की प्रक्रिया में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है, जिससे जान-माल का खतरा बढ़ गया है।
इस पूरे घटनाक्रम पर केटीएमपीएल के प्रोजेक्ट निदेशक टी. रमेश ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि घरों में दरारें पड़ी हैं तो कंपनी मरम्मत कार्य कराएगी। उन्होंने बताया कि सेल और राज्य सरकार विस्थापन की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है और प्रभावित परिवारों को जल्द पुनर्वासित किया जाएगा। रमेश ने आश्वासन दिया कि किसी को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
स्थानीयों की मांग:
- विस्थापन प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
- दरारों के लिए उचित क्षतिपूर्ति दी जाए।
- ब्लास्टिंग से पहले प्रभावित क्षेत्र की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।







