Ranchi : JSSC-CGL की सीजीएल परीक्षा पेपर लीक मामले में कई शिक्षकों और अभ्यर्थियों को नोटिस भेजे जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह झारखंड सरकार की तानाशाही का एक और उदाहरण है।
युवाओं को डराने में लगी है हेमंत सरकार
मरांडी ने आरोप लगाया कि जब मामला झारखंड हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की पीठ में विचाराधीन है और फैसला सुरक्षित रखा गया है, तब भी सरकार और उसकी एजेंसियां छात्रों की आवाज़ उठाने वाले कुणाल प्रताप सिंह और प्रकाश पोद्दार से युवाओं को डराने में लगी हैं।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार अपनी नाकामी और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए CID का दुरुपयोग कर रही है और असली दोषियों को बचाने का प्रयास हो रहा है।
झारखंड के युवा अब जाग चुके हैं
उन्होंने सवाल उठाया कि नेपाल पेपर लीक प्रकरण में जो 28 अभ्यर्थी शामिल थे, उनमें से केवल एक को आरोपी बनाया गया है जबकि बाकी को छोड़ दिया गया। मरांडी ने यह भी पूछा कि जिन जगहों – हजारीबाग, पटना, नियामतपुर और मंत्री रेजिडेंसी में पेपर लीक की बात आई, वहां क्या कॉल डंप और CCTV फुटेज की जांच हुई?
मरांडी ने CID अधिकारियों से भी अपील की कि वे निष्पक्ष जांच करें, क्योंकि सरकारें बदलती हैं, लेकिन सच्चाई नहीं बदलती। उन्होंने कहा-झारखंड के युवा अब जाग चुके हैं। सरकार जितना भी दमन करे, सत्य और न्याय की जीत निश्चित है।












