Kml Desk: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने में अभी समय है, लेकिन महागठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर गर्मी तेज दिख रही है। गठबंधन 10 अक्टूबर तक सीट शेयरिंग तय किए जाने की बात कह रही है, लेकिन गठबंधन के घटक दलों के साथ कांग्रेस और राजद के बीच सीट बटवारे को लेकर खींचतान साफ तौर पर देखी जा रही है। जानकारी के अनुसार कांग्रेस 70 के जगह 76 सीटों की मांग कर रहा है
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सीट शेयरिंग में क्यों हो रही देरी
मिली जानकारी के अनुसार पिछली बार कांग्रेस ने जिन सीटों में हार का सामना किया था उनमे से 37 सीटों पर चुनाव नहीं लड़ना चाहती। पार्टी का कहना है कि हम इन सीटों पर कमजोर है इस लिए पिछली बार हमे हार का सामना करना पड़ा था। जिस वजह से कांग्रेस अपनी मजबूत सीटें चाहती है, लेकिन राजद इसके लिए तैयार नहीं दिख रहा है। महागठबंधन में सीटों को लेकर देरी की एक और वजह यह भी बताई जा रही है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बीमार चल रहे हैं और राहुल गांधी विदेश यात्रा पर हैं। ऐसे में राजद नेता तेजस्वी यादव चाहते है कि जल्द से जल्द सीटों पर सहमति बने। ताकी पार्टियां अपनी तैयारी मजबूत करे। इस बीच, मुकेश सहनी अपनी मांगों पर अडिग हैं।
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झामुमो 12 सीटों पर लड़ना चाहती है चुनाव
तो इधर, झामुमो ने भी बिहार चुनाव में सक्रियता बढ़ा दी है। पार्टी के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और महासचिव विनोद पांडेय 6 अक्टूबर को पटना में राजद नेताओं से मुलाकात करेंगे। झामुमो ने 12 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। झामुमो की पसंदिदा सीटों की बात की जाए तो पार्टी झारखंड के सीमावर्ती जिलों में चुनाव लड़ने की तैयारी में है। सूत्रों की माने तो झामुमो तारापुर, कटोरिया, मनोहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रुपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई सीट की मांग कर रही है। पार्टी का दावा है कि इन इलाकों में पार्टी का जनाधार और मजबूत संगठन मौजूद है। साथ ही पार्टी के प्रत्याशी भी इस क्षेत्र में सक्रिय है। बता दें कि इससे पहले सितंबर में हेमंत सोरेन ने लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की थी, हालांकि उस समय सीट बंटवारे पर चर्चा नहीं हुई थी। लेकिन एयरपोर्ट पर हेमंत सोरेन को पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बिहार में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की थी।
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एनडीए में सीट बंटवारे पर बन चुकी है सहमति
उधर, एनडीए खेमे की बात की जाए तो। बताया जा रहा है कि एनडीए में सीट बंटवारे पर सहमति पूरी तरह बन चुकी है। अब केवल उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम फैसला होना बाकी है। सूत्र बताते है कि, चुनाव के ऐलान के बाद एनडीए की पहली लिस्ट भी जारी हो जाएगी। ऐसे में अब बस कुछ दिनों का इंतजार है, जिसके बाद चुनाव आयोग भी चुनाव की तारिख और कितने चरण में चुनाव होना है इसका ऐलान कर देगा। जिसके बाद तमाम पार्टियों के लिस्ट भी सामने आ जाएंगे। लेकिन रोचक बात यह है कि जब पार्टियों के उम्मीदवारों की लिस्ट सामने आएगी तो कई उम्मीदवार भी पार्टी बदल सकते है। यह बिहार की राजनीति के लिए कोई नयी बात नहीं है।
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महागठबंधन की पार्टियां कितने सीटों पर लड़ना चाहती चुनाव
जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार कांग्रेस इस बार 76 सीटों पर दावेदारी कर रही है।
वहीं मुकेश सहनी की पार्टी (VIP) को 60 सीटें चाहिए।
भाकपा माले (CPI-ML) पिछले प्रदर्शन के आधार पर 40 सीटों की मांग कर रही है।
झारखंड मुक्ती मोर्चा 12 सीटों पर लड़ना चाहती चुनाव।
वहीं राजद खुद 130 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की कुल सीटें 243 हैं।












