राज्य की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल मंत्री हाफिजूल हसन अंसारी द्वारा कथित तौर पर फर्जी पीएचईडी डिग्री लेने का मामला सामने आया. जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता अजय साह ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए गंभीर आरोप लगाए.
अजय साह ने कहा कि हाफिजूल हसन ने जो डिग्री प्राप्त की है, वह संदिग्ध विश्वविद्यालय से ली गई है. कुछ दिन पहले हसन ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए खुद को ‘डॉक्टर’ घोषित किया था. इस पर भाजपा प्रवक्ता ने सवाल उठाते हुए कहा कि भारत में डॉक्टर की उपाधि प्राप्त करने के लिए कठोर और लंबी प्रक्रिया होती है, जिसे नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता.
अजय साह ने आरोप लगाया कि मंत्री हसन ने ‘भारत वर्चुअल ओपन यूनिवर्सिटी’ से डिग्री ली है, जो न तो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मान्यता प्राप्त है और न ही भारत सरकार द्वारा मान्य. इस विश्वविद्यालय के संस्थापक भी कथित रूप से एक ही समुदाय विशेष से ताल्लुक रखते हैं, और शरीयत को सर्वोपरि मानते हुए इस संस्था का निर्माण किया गया है.
भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि उक्त विश्वविद्यालय ने स्वयं स्वीकार किया है कि उसका यूजीसी से कोई संबंध नहीं है. ऐसे में इस यूनिवर्सिटी से प्राप्त डिग्री को मान्य नहीं माना जा सकता. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस यूनिवर्सिटी का संबंध अफ्रीका की किसी यूनिवर्सिटी से बताया जा रहा है, लेकिन वहां के वाइस चांसलर, डॉ. उस्मान, का संबंध पाकिस्तान के इस्लामाबाद से है, जिससे पूरी प्रक्रिया पर संदेह खड़ा होता है.
बीजेपी ने इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार को इस पर शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए ताकि शिक्षा व्यवस्था और लोकतंत्र की गरिमा बनी रहे.







