Lifestyle: तेजी से भागती ज़िंदगी और डिजिटल वर्ल्ड में घिरे लोग अब एक अलग राह चुन रहे हैं – गाँव की तरफ लौटने की. जी हां, एक नया ट्रेंड सामने आया है जिसे नाम दिया गया है – “देसी डिटॉक्स”. शहरी युवा अब कुछ दिन के लिए गाँव में रहकर शांति, संतुलन और सेहत की तलाश कर रहे हैं.
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गाँव की हवा, दिल को बहलाए
गाँव का शुद्ध वातावरण, हरियाली और खुला आकाश – ये चीज़ें शहरों में दुर्लभ हो गई हैं. कई लोग अब वीकेंड्स में गाँव जा रहे हैं जहाँ वे –
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मिट्टी के चूल्हे पर बना खाना खा रहे हैं,
खेतों में हल चला रहे हैं
और मोबाइल से दूरी बनाकर “डिजिटल फास्ट” कर रहे हैं.
मानसिक स्वास्थ्य के लिए वरदान
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि ‘देसी डिटॉक्स’ न सिर्फ शरीर को आराम देता है, बल्कि मानसिक तनाव को भी काफी हद तक कम करता है.
गाँव की शांत रूटीन, सुबह की सूरज की किरणें और प्राकृतिक जीवनशैली मन को स्थिरता देती है.
नया ट्रेंड या पुरानी जड़ों की वापसी?
कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति की ओर लौटने का संकेत है.
जहाँ पहले लोग गाँव से शहर आना चाहते थे, अब कई लोग खुद को “रीसेट” करने के लिए गाँव जाना पसंद कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर भी मचा है क्रेज
#DesiDetox और #VillageRetreat जैसे हैशटैग्स इंस्टाग्राम पर ट्रेंड कर रहे हैं. कई इंफ्लुएंसर भी अब “विलेज व्लॉगिंग” के ज़रिए देसी लाइफस्टाइल को ग्लोबल पहचान दिला रहे हैं.
लाइफस्टाइल बदल रही है – महंगे जिम, प्रोटीन शेक्स और योगा स्टूडियो से निकलकर अब लोग ढूंढ रहे हैं जड़ों से जुड़ाव और दिल से सुकून.
देसी डिटॉक्स” शायद वही रास्ता है – जो शरीर, मन और आत्मा को एक साथ स्वस्थ बना सकता है.