E-Kalyan : झारखंड के छात्रों के लिए खुशखबरी थोड़ी देर से आई। E-Kalyan छात्रवृत्ति का भुगतान तकनीकी कारणों से रुका हुआ है, जिससे राज्य के लाखों विद्यार्थियों की पढ़ाई और परीक्षा प्रक्रियाएं प्रभावित हो रही हैं। बिशुनपुर विधानसभा और अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चमरा लिंडा ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि तकनीकी समस्या को ठीक करने के लिए उन्हें दिल्ली जाना पड़ेगा। दिल्ली में समस्या सुलझाने के बाद, सभी छात्रों के खातों में छात्रवृत्ति का पैसा जल्द पहुंच जाएगा।
विद्यार्थियों का विरोध और ज्ञापन सौंपा गया
राज्य के विद्यार्थियों ने देरी और अव्यवस्थाओं के खिलाफ आवाज बुलंद की है। इस संदर्भ में छात्रहित सर्वोपरि मंच के प्रदेश अध्यक्ष राहुल कुमार राणा, उपाध्यक्ष आमिर हमजा और संगठन प्रभारी कुणाल पोद्दार के नेतृत्व में राज्य के कई जिलों में जिला उपायुक्तों को ज्ञापन सौंपा गया।
विद्यार्थियों ने प्रशासन को बताया कि छात्रवृत्ति भुगतान में लंबे समय से जारी अव्यवस्था के कारण उनकी पढ़ाई, परीक्षा और कॉलेज में दाखिला प्रभावित हो रहा है। प्रतिनिधियों ने यह भी अनुरोध किया कि ज्ञापन को राज्यपाल और उच्च अधिकारियों तक तुरंत भेजा जाए, और जिला कल्याण पदाधिकारी इसे गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग को रिमाइंडर भेजें।
ज्ञापन में उठाए गए मुख्य मुद्दे
- पिछले तीन वर्षों से छात्रवृत्ति भुगतान में भारी देरी।
- केंद्र और राज्य की 60:40 हिस्सेदारी वाली योजना में केंद्र का बड़ा हिस्सा लंबित।
- लगभग ₹9.80 अरब लंबित, जिससे लाखों विद्यार्थी प्रभावित।
- कई छात्र फीस, परीक्षा फॉर्म, मार्कशीट और टीसी नहीं ले पा रहे।
- आर्थिक संकट के कारण कई छात्रों की पढ़ाई रुकने और कर्ज लेने की स्थिति।
प्रमुख मांगें
- केंद्र सरकार तुरंत अपना लंबित 60% बजट जारी करे।
- छात्रवृत्ति भुगतान समयबद्ध, पारदर्शी और नियमित किया जाए।
- लंबित राशि का तत्काल भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
- सत्र 2023-24 और 2024-25 की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण की जाए।
- 15 दिनों में समाधान न होने पर शांतिपूर्ण आंदोलन की चेतावनी।
प्रशासन से आग्रह
- ज्ञापन को राज्यपाल एवं उच्च अधिकारियों तक तुरंत भेजा जाए।
- छात्रवृत्ति को लेकर गंभीर और त्वरित निर्णय लिया जाए ताकि लाखों विद्यार्थियों का भविष्य सुरक्षित रह सके।
लंबित छात्रवृत्ति के कारण झारखंड के लाखों छात्र वित्तीय संकट और पढ़ाई में बाधाओं का सामना कर रहे हैं। मंत्री ने तकनीकी समस्या दूर करने के लिए दिल्ली जाने की बात कही है, लेकिन छात्रों और छात्र संगठन की सक्रियता से अब प्रशासन पर तत्काल समाधान की दबाव बढ़ गया है।









