Ranchi : झारखंड के औद्योगिक भविष्य को बड़ा झटका लगा है। राज्य की चार प्रमुख टेक्सटाइल कंपनियों ने अपने उत्पादन केंद्र को झारखंड से ओडिशा स्थानांतरित करने वाली है। इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार की नीति पर सवाल उठा दिये हैं।
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उद्योगों का बंद होना सरकार की विफलता को उजागर करता है
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निवेश बढ़ाने के नाम पर विदेश यात्राओं में करोड़ों रुपये खर्च कर दिए, लेकिन नतीजा सिफर रहा। जहां पहले से ही पलायन की समस्या विकराल है, वहां उद्योगों का बंद होना सरकार की विफलता को उजागर करता है।
उद्योग बंद होने से न केवल रोजगार पर असर पड़ेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा प्रभाव देखने को मिलेगा।
झारखंड की टेक्सटाइल नीति सिर्फ कागज़ों पर सजी है
वहीं कारोबारियों का कहना है कि झारखंड की टेक्सटाइल नीति सिर्फ कागज़ों पर सजी है-ज़मीन पर न तो कोई ठोस लाभ मिल रहा, न ही सरकार की ओर से समर्थन।
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वहीं दूसरी ओर, ओडिशा सरकार न केवल उद्योगपतियों से संवाद बनाए हुए है, बल्कि उन्हें हर स्तर पर सहयोग भी दे रही है। बेहतर ढांचागत सुविधाएँ, बिजली, पानी और नीतिगत मदद ने निवेशकों को वहाँ आकर्षित किया है।







