Dhanbad News: झरिया के लोदना 8 नंबर स्थित बीसीसीएल के जर्जर क्वार्टर में बुधवार की शाम बड़ा हादसा हो गया। अचानक हुई तेज बारिश से बचने के लिए दर्जनों मासूम बच्चे अंदर छिपे हुए थे, तभी मकान का हिस्सा भरभरा कर गिर पड़ा और सभी बच्चे मलबे में दब गए।
चीख-पुकार सुनकर स्थानीय लोग मौके पर दौड़े और पुलिस को सूचना दी। तुरंत राहत-बचाव अभियान शुरू हुआ और जेसीबी की मदद से मलबा हटाकर बच्चों को बाहर निकाला गया। गंभीर रूप से घायल बच्चों को 108 एंबुलेंस से शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल भेजा गया। इलाज के दौरान गोपाल शर्मा (20) वर्ष, चिराग पासवान और सुशमा कुमारी नामक दो मासूमों की मौत हो गई, जबकि अन्य बच्चों की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। कई का इलाज झरिया के निजी अस्पताल में चल रहा है।
स्थानीय लोगों ने बीसीसीएल प्रबंधन और प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि वर्षों से खाली और जर्जर पड़े आवासों को समय रहते गिरा दिया जाता, तो यह भयावह हादसा टल सकता था। हादसे के बाद पूरे इलाके में दहशत और मातम का माहौल है। तीनों मृतक के परिजनों ने उपायुक्त को आवेदन देकर पोस्टमार्टम नहीं कराने को लेकर अपील की है।
दरअसल, यह कोई पहली घटना नहीं है। लोदना-झरिया क्षेत्र में पिछले कई वर्षों में जर्जर क्वार्टरों के गिरने से लगातार हादसे हो रहे हैं। अगस्त 2022 में लोदना 5 नंबर में क्वार्टर ढहने से दो लोगों की मौत हुई थी। मार्च 2023 में कतरास मोड़ पर पुराने मकान की छत गिरने से एक मजदूर की जान गई थी। इसके बावजूद न तो बीसीसीएल प्रबंधन और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस गंभीर समस्या को लेकर कोई ठोस कदम उठाया।
लोग सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर कब तक मासूमों और गरीब परिवारों की जिंदगी इन खंडहर जैसे मकानों में दफन होती रहेगी। क्षेत्र जनप्रतिनिधि और प्रशासन के लिए अब यह हादसा चुनौती है, क्या वे केवल औपचारिक दौरा और बयानबाजी करेंगे या सच में मौत के इन जर्जर मकानों को हटाने की ठोस कार्रवाई करेंगे?
वही झरिया विधायक रागनी सिंह एसएनएमएमसीएच पहुंची वही कहा कि यह घटना दुखद है। इस घटना में तीन की मौत की जानकारी मिल रही है, अन्य कई घायल है।







