Ranchi News: झारखंड हाईकोर्ट ने नगर निगम और नगर निकायों में चुनाव न होने पर राज्य सरकार पर नाराजगी जताई है. जस्टिस आनंद सेन की अदालत में चल रही सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी को 25 अगस्त 2025 को कोर्ट में हाज़िर होने का आदेश दिया है.
सरकार ने कोर्ट के आदेश की अनदेखी की
कोर्ट ने कहा कि जनवरी 2024 में दिया गया आदेश अब तक लागू नहीं किया गया है. इसलिए माना जा सकता है कि सरकार ने अदालत के आदेश की अवमानना (उल्लंघन) की है. कोर्ट ने पूछा कि क्यों न इस पर सरकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए.
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कोर्ट की सख्त टिप्पणी: “ऐसे नहीं चलेगा कानून का राज”
हाईकोर्ट ने सरकार की लापरवाही पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा:
- सरकार ने अब तक मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति नहीं की है.
- जानबूझकर नगर निकाय चुनाव टाले जा रहे हैं.
- प्रशासकों के जरिये निकायों का संचालन करना संविधान और लोकतंत्र का उल्लंघन है.
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर सरकार का यही रवैया रहा, तो कानून का शासन कभी स्थापित नहीं हो पाएगा.
याचिकाकर्ता का आरोप: सरकार ने आदेश का पालन नहीं किया
याचिकाकर्ता रोशनी खलखो की ओर से वकील विनोद सिंह ने कोर्ट को बताया:
- 4 जनवरी 2024 को कोर्ट ने चुनाव कराने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने अब तक उसे लागू नहीं किया है.
- 25 मार्च 2025 से राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद खाली है.
- 27 अप्रैल 2023 के बाद कोई भी नगर निकाय चुनाव नहीं हुआ है.
- कई शहरों में प्रशासक ही नगर निगम चला रहे हैं, जो संविधान के खिलाफ है.
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याचिका में क्या मांग की गई है?
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से मांग की है कि सरकार को जल्दी से जल्दी नगर निगम और नगर निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया जाए.
गौरतलब है कि वर्ष 2020 से झारखंड में 12 से अधिक शहरी निकायों में चुनाव नहीं हुए हैं, जिससे स्थानीय शासन प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं.







