Rail Roko Aandolan: झारखंड सहित कई राज्यों के कुड़मी समाज एसटी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. इस मांग को लेकर अब एक बार फिर रेल रोको आंदोलन की शुरुआत होने वाली है। कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग को लेकर आदिवासी कुड़मी समाज ने 20 सितंबर से यानि कल से अनिश्चितकालीन ‘रेल टेका डहर छेका’ आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है। यह आंदोलन झारखंड, बंगाल और ओडिशा तीनों राज्यों में एक साथ होगा।
स्टेशनों में लागू होगी धारा 144
‘रेल टेका डहर छेका’ आंदोलन के कारण तीनों ही राज्यों में कल शनिवार को रेल यातायात प्रभावित होने की प्रबल संभावना है. इसके मद्देनजर रेलवे प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने भी व्यापक तैयारी की है. इस संबंध में आरपीएफ कमांडेंट पवन कुमार ने बताया कि आंदोलन को लेकर जिला प्रशासन के साथ बैठक हुई है. तय किया गया है कि सभी प्रमुख स्टेशनों पर अतिरिक्त बल की तैनाती होगी. साथ ही, धारा 144 लागू रहेगी. जो भी व्यक्ति रेल परिचालन में बाधा डालने की कोशिश करेगा, उसे तत्काल गिरफ्तार किया जायेगा.
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40 रेलवे स्टेशनों को किया गया चिन्हित
इधर रांची रेल मंडल ने कहा है कि फिलहाल ट्रेनों को रद्द या मार्ग परिवर्तित करने का निर्णय नहीं लिया गया है. सीनियर डीसीएम शुचि सिंह ने बताया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. जरूरत पड़ने पर ही ट्रेनों के संचालन को लेकर कदम उठाए जायेंगे.
आंदोलन के तहत झारखंड में 40 रेलवे स्टेशनों को चिह्नित किया गया है. इनमें प्रमुख स्टेशन हैं मूरी, टाटीसिलवे, मेसरा, राय, खलारी, बड़काकाना, गोला, जगेश्वर बिहार, चरही, चंद्रपुरा, प्रधानखंटा, पारसनाथ, हेसालौंग, चक्रधरपुर, सोनुवा, चाकुलिया, गोड्डा और जामताड़ा.
रेलवे को सहना पड़ता है आर्थिक नुकसान
ये कोई पहली बार नहीं है जब कुड़मी समाज रेल रोको आंदोलन पर उतरने वाले हैं लगभग प्रत्येक वर्ष कुड़मी समाज के लोगों के द्वारा रेल रोको आंदोलन किया जा रहा है जिसके वजह से रेलवे को काफी बड़ा आर्थिक नुकसान भी सहना पड़ता है.








