कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से पूरा देश हताहत है. ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने इस घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने लोगों से उनका धर्म पूछकर उनकी हत्या की, जो कि एक गंभीर अपराध है. भागवत ने कहा कि “हिंदू ऐसा काम कभी नहीं करेंगे,” और यह लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच है, न कि केवल संप्रदायों या धर्मों के बीच.
भागवत ने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि इस पर सख्त प्रतिक्रिया दी जाएगी. उन्होंने समाज में एकता की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि अगर हम एकजुट हैं तो कोई भी हमें बुरी नीयत से नहीं देख सकेगा. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि रावण जैसे दुष्ट लोगों का सफाया होना चाहिए, और इसके लिए शक्ति का प्रदर्शन आवश्यक है.
उन्होंने यह भी बताया कि घृणा और शत्रुता हमारे स्वभाव में नहीं हैं, लेकिन चुपचाप नुकसान सहना भी हमारी प्रवृत्ति नहीं होनी चाहिए. एक सच्चे अहिंसक व्यक्ति को शक्तिशाली होना चाहिए ताकि वह जरूरत पड़ने पर अपनी शक्ति दिखा सके.











