भारत एक ऐसा देश है जिसने आज़ादी के बाद से लेकर अब तक आतंक और धमाकों के कई दर्दनाक दौर देखे हैं। 10 नवंबर 2025 को दिल्ली के लाल क़िले के पास हुए कार धमाके ने एक बार फिर देश को दहला दिया। शाम करीब सात बजे मेट्रो स्टेशन के पास खड़ी कार में हुए धमाके में कम से कम आठ लोगों की मौत और करीब बीस घायल हुए। जांच एजेंसियाँ इस घटना को आतंक से जुड़ी साजिश मानकर जांच में जुटी हैं।
यह कोई पहली घटना नहीं है जब भारत की राजधानी या बड़े शहरों को निशाना बनाया गया हो। इससे पहले 1993 के मुंबई धमाके, 2001 का संसद हमला, 2006 के लोकल ट्रेन ब्लास्ट, 2008 का 26/11 आतंकी हमला और 2019 का पुलवामा हमला देश की यादों में अब भी जिंदा हैं।
हर बार देश ने गहरी चोट झेली है, लेकिन हर बार और मज़बूती से खड़ा हुआ है।
यह रिपोर्ट 1947 से 2025 तक भारत में हुए हर बड़े आतंकी हमले की पूरी टाइमलाइन, वजहें, और उनके असर का सच बयां करती है — वो भी एक जगह पर।
1947-1960: प्रारंभिक हिंसा और विद्रोह
स्वतंत्र भारत ने विभाजन के दंगों और 1948 में महात्मा गांधी की हत्या की भयावहता देखी। 1950 के दशक के उत्तरार्ध में नागा विद्रोह का उदय हुआ और नक्सलवादी आंदोलन के बीज पड़े।
1980 का दशक: पंजाब में उग्रवाद और राजनीतिक हत्याएँ
खालिस्तान आंदोलन ने पंजाब को युद्धक्षेत्र में बदल दिया।
• 1984: ऑपरेशन ब्लू स्टार और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या ने पूरे देश में दंगे भड़का दिए जिनमें 3,000 से ज़्यादा लोग मारे गए।
1990 का दशक: कश्मीर में उग्रवाद और शहरी आतंक
*1990: कश्मीरी पंडितों का सामूहिक पलायन।
* 1993 बॉम्बे विस्फोट: 257 लोग मारे गए – भारत का पहला बड़ा, समन्वित आतंकवादी हमला, जिसकी साजिश दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी ने रची थी।
2000 का दशक: भारत के शहरों पर हमले
* 2001 संसद हमला: > 9 लोग मारे गए; भारत-पाकिस्तान तनाव बढ़ा।
*- 2005 दिल्ली विस्फोट: दिवाली से कुछ दिन पहले 62 लोग मारे गए।
* 2006 मुंबई ट्रेन विस्फोट: 11 मिनट के भीतर हुए सात विस्फोटों में 209 लोग मारे गए।
* 26/11 मुंबई हमला (2008): होटलों, स्टेशनों और सार्वजनिक स्थानों पर समन्वित हमलों में 166 लोग मारे गए – भारतीय इतिहास का सबसे घातक आतंकवादी हमला।
2010 का दशक: सीमा पार हमले और जवाबी कार्रवाई
* 2016 पठानकोट और उरी हमले: कई सैनिक शहीद हुए; भारत ने नियंत्रण रेखा के पार सर्जिकल स्ट्राइक की।
* 2019 पुलवामा हमला: 40 सीआरपीएफ जवान शहीद; भारत ने पाकिस्तान के अंदर बालाकोट हवाई हमलों से जवाब दिया।
2020–2025: लोन-वुल्फ स्ट्राइक और नए सिरे से उग्रवाद
* 2021 अमृतसर मंदिर हमला: एक कट्टरपंथी व्यक्ति द्वारा 12 लोगों की हत्या।
* 2023 बेंगलुरु विस्फोट: टेक पार्क में विस्फोट में 8 लोगों की मौत
* 2025 पहलगाम हमला: हाल के वर्षों में सबसे घातक हमले में आतंकवादियों ने एक पर्यटक बस और बाजार क्षेत्र को निशाना बनाया, जिसमें 45 लोग मारे गए, 60 घायल हुए।
भारत में हुए प्रमुख बम ब्लास्ट (1947–2025)
| साल | घटना | स्थान | मृतक संख्या |
|---|---|---|---|
| 1993 | मुंबई सिलसिलेवार बम धमाके | मुंबई | 257 |
| 2001 | संसद हमला | नई दिल्ली | 9 |
| 2005 | दिल्ली धमाके | दिल्ली | 62 |
| 2006 | मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट | मुंबई | 209 |
| 2008 | 26/11 मुंबई आतंकी हमला | मुंबई | 166 |
| 2019 | पुलवामा हमला | पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) | 40 |
| 2025 | पहलगाम हमला | जम्मू-कश्मीर | 45 |
आतंकवाद और इसके खिलाफ भारत की लड़ाई दशकों की हिंसा के बावजूद भारत ने अपने आतंकवाद-रोधी अभियानों, खुफिया नेटवर्क और अंतर्राष्ट्रीय समन्वय को बढ़ाया है। सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर उन्नत निगरानी तक, देश आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखे हुए है।









