रांची: भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाह देव द्वारा झारखंड में अनुसूचित जाति और जनजातियों को लेकर लगाए गए आरोपों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने भाजपा पर राजनीतिक दोगलापन का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा को इन वर्गों की याद सिर्फ तब आती है जब वह विपक्ष में होती है।
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आदिवासियों की सच्ची हितैषी है हेमंत सोरेन की सरकार
विनोद पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार आदिवासी, मूलवासी, दलित और पिछड़े वर्गों की सच्ची हितैषी है। उन्होंने मरांग गोमके छात्रवृत्ति, सिदो-कान्हू कृषि समृद्धि योजना, और फेलोशिप स्कीम जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ये प्रयास इन वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम हैं। भाजपा द्वारा अनुसूचित जाति आयोग के गठन को लेकर उठाए गए सवाल को पांडेय ने भ्रामक करार देते हुए कहा कि सरकार इस पर गंभीरता से कार्य कर रही है और जल्द ही आयोग का पुनर्गठन किया जाएगा।
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आपके शासनकाल में कितने आदिवासी युवाओं को मिली नौकरी
मंत्री राधा कृष्ण किशोर के पत्र पर उठाए गए सवालों पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की खासियत यही है कि वह सबकी राय को सुनते हैं। भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि क्या किसी भाजपा मंत्री को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने की आज़ादी है? उन्होंने भाजपा से यह भी पूछा कि उसके शासनकाल में कितने आदिवासी युवाओं को नौकरी दी गई और क्यों विशेष योजनाओं को बंद कर दिया गया। विनोद पांडेय ने भाजपा पर आदिवासी-दलित हितैषी होने का नाटक करने का आरोप लगाया और कहा कि झामुमो सरकार सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के रास्ते पर पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है, जो भाजपा को रास नहीं आ रहा।
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