Ranchi : तदाशा मिश्रा ने झारखंड के इतिहास में पहली बार महिला डीजीपी बनने का गौरव हासिल किया। तत्कालीन डीजीपी अनुराग गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा देते ही सीनियर आईपीएस पुलिस अफसरों अनिल पाल्टा, प्रशांत सिंह और एम.एस. भाटिया का नाम सबसे ऊपर चल रहा था। लेकिन इसी बीच हेमंत सरकार ने तदाशा मिश्रा को राज्य की पहली महिला डीजीपी बना दिया।
तदाशा मिश्रा 1994 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। उनका जन्म ओड़िशा में हुआ था। पहले वो बिहार कैडर में पदस्थापित थी पर अलग झारखंड होने के बाद वे झारखंड कैडर में ही रही।
बोकारो एसपी, डीआईजी कार्मिक सहित कई पदों पर रही
अपने तीन दशक के कार्यकाल के दौरान वे कई महत्वपूर्ण पदों पर रही जिसमें बोकारो एसपी, गिरिडीह एसपी, डीआईजी कार्मिक, आईजी मानवाधिकार, आईजी स्पेशल ब्रांच, रेलवे एडीजी और गृह, जेल एवं आपदा प्रबंधन विभाग में विशेष सचिव से लेकर कई पद शामिल है। डीजीपी बनने से पहले उन्हें कार्यवाहक डीजी और आईजी पर पर नियुक्त किया गया था।
तदाशा मिश्रा की गिनती राज्य के सबसे ईमानदार और साफ छवि वाले पुलिस अफसरों में होती है। वे अपनी सख्त कार्यशैली, संवेदनशीलता और महिला सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध दृष्टिकोण के कारण हमेशा चर्चा में रही।
हालांकि डीजीपी बनने के बाद भी उनका सफर आसान नहीं होने वाला है। उनपर राज्य में अपराध नियंत्रण, साइबर अपराध और नक्सली गतिविधियां पर लगाम कसने की जिम्मेदारी होगी।







