National News: भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने रविवार को अपने कार्यकाल के अंत की घोषणा की। महज छह महीने के कार्यकाल में उन्होंने हाईकोर्ट्स के लिए 129 जजों की सिफारिश की, जिनमें से 93 को मंजूरी मिल चुकी है। इस चयन में 10 दलित और 11 ओबीसी वर्ग के जजों की नियुक्ति हुई, जिससे न्यायपालिका में सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट में भी 5 नए जजों की नियुक्ति हुई है।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने क्यों मांगी माफी
फेयरवेल सेरेमनी में सीजेआई गवई ने अफसोस जताया कि वे सुप्रीम कोर्ट में एक भी महिला जज की प्रमोशन नहीं कर पाए, हालांकि उन्होंने कहा कि भविष्य में जस्टिस बीवी नागरत्ना पहली महिला मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगी। गवई ने इस अवसर पर यह भी स्वीकार किया कि अगर उनके कार्यकाल में किसी को अनजाने में नाराज किया हो, तो इसके लिए वे माफी मांगते हैं।
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जस्टिस सूर्यकांत अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में संभालेंगे जिम्मेदारी
सीजेआई गवई का कार्यकाल सामाजिक न्याय की दिशा में एक अहम मोड़ साबित हुआ। उनके द्वारा की गई सिफारिशों से न्यायपालिका में पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व बढ़ा है, लेकिन जेंडर बैलेंस की चुनौती अब भी बनी हुई है। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ तीन महिला जज हैं। गवई का कार्यकाल इस संदेश के साथ समाप्त हुआ कि न्यायपालिका में विविधता और समावेशिता बढ़ाने से ही जनता का विश्वास मजबूत हो सकता है। अब जस्टिस सूर्यकांत अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे।
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