Kml Desk: राहुल गांधी के छठ पूजा से जुड़े बयान पर बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। एनडीए नेताओं ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाते हुए कांग्रेस और महागठबंधन पर निशाना साधा है। तो दूसरी तरफ लालू यादव के लाल ने भी राहुल गांधी के बयान पर पलटवार शुरू हो गई है। अब लालू यादव के बेटे के बयान के बाद बिहार की चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है औऱ इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे है।
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छठी मइया का अपमान कर रहे हैं कांग्रेस-राजद: पीएम
बदा दें कि राहुल के बयान के अगले दिन यानी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सभा में कहा, हमारी सरकार छठ महापर्व को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल कराने की कोशिश में है। एक ओर आपका बेटा छठी मइया की जयकार दुनिया में कराने में लगा है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और राजद छठी मइया का अपमान कर रहे हैं। क्या वोट पाने के लिए कोई मां का अपमान कर सकता है? बिहार और देश की जनता इसका जवाब महागठबंधन को जरूर देगी।
राहुल बाबा ने छठ मइया का अपमान किया: शाह
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लखीसराय में राहुल गांधी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, राहुल बाबा ने बिहार आकर छठ मइया का अपमान किया है। बिहार के लोग इसका बदला वोट से लेंगे। राहुल बाबा और उनकी माता जी कभी मां की भावना को समझ ही नहीं सकते। इस लिए उनके कार्यकर्ताओं ने पहले मोदी जी की माता जी का अपमान किया और अब वे खुद खुले मंच से छठ मइया का अपमान कर रहे है। लेकिन जब 14 तारिख को डब्बा खुलेगा तो मां के अपमान करने का परिणाम उन्हें मिल जाएगा।
जो विदेश जाता हो उसे छठ पूजा का क्या पता: तेज प्रताप
लेकिन इन सबके बीच महागठबंधन के पुराने साथी और जेजेडी यानी जनशक्ति जनता दल के अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने भी राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, राहुल गांधी को छठ के बारे में क्या पता है? क्या उन्होंने या उनके परिवार ने कभी छठ पूजा की है? जो विदेशों में रहते हैं, उन्हें इस महापर्व की महत्ता कैसे समझ आएगी। तेज प्रताप यहीं नहीं रुके। उन्होंने मुकेश सहनी पर भी पलटवार किया। हाल ही में मुकेश सहनी ने कहा था कि कौन है तेज प्रताप, मैं नहीं जानता। इस पर तेज प्रताप ने जवाब देते हुए कहा, कौन है मुकेश सहनी, मैं भी नहीं जानता।
फिलहाल तेज प्रताप ने आज सुबह राजद पर भी बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि महुआ जाते समय राजद कार्यकर्ताओं ने उन पर पत्थर से हमला किया। तेज प्रताप का यह रुख चुनाव से ठीक पहले किसी बड़े राजनीतिक फेरबदल का संकेत माना जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से उनके बयानों में महागठबंधन और राजद दोनों पर तीखा हमला देखने को मिला है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या तेज प्रताप यादव जन सुराज की राह पर स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ने की तैयारी में हैं, या यह सिर्फ एक नई राजनीतिक चाल












